प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में PRAGATI की 50वीं बैठक

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विकसित भारत के लक्ष्य के लिए सुधार, प्रभावी क्रियान्वयन और परिवर्तन का मंत्र

Delhi News: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रगति (PRAGATI) मंच की 50वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का स्पष्ट रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सुधार, प्रभावी क्रियान्वयन और व्यापक परिवर्तन—यही विकसित भारत की आधारशिला हैं। प्रधानमंत्री ने बीते एक दशक की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस अवधि में शासन की कार्यसंस्कृति में बड़ा बदलाव आया है, जिससे निर्णय लेने की गति और योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन में उल्लेखनीय तेजी आई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधारों का अर्थ केवल प्रक्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि समस्याओं के समाधान तक पहुंचना ही असली सुधार है। उन्होंने प्रक्रियाओं को सरल बनाने, जीवन और कारोबार में आसानी बढ़ाने तथा सिस्टम को अधिक अनुकूल और संवेदनशील बनाने पर बल दिया। क्रियान्वयन के दौरान समय, लागत और गुणवत्ता—तीनों पर समान रूप से ध्यान देना आवश्यक है।

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समय पर फैसले, मजबूत समन्वय और तय जवाबदेही से बढ़ती है रफ्तार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब फैसले समय पर होते हैं, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय मजबूत होता है और जवाबदेही तय होती है, तो सरकारी कामकाज की रफ्तार अपने आप बढ़ जाती है। इसका सीधा लाभ नागरिकों को मिलता है। उन्होंने प्रगति को शासन में आए गहरे परिवर्तन का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह केवल एक समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि ‘टीम इंडिया’ की भावना और सहकारी संघवाद का सशक्त उदाहरण है।

बैठक में प्रधानमंत्री ने सड़क, रेल, बिजली, जल संसाधन और कोयला क्षेत्र की पांच प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की, जो पांच राज्यों में फैली हैं और जिनकी कुल लागत 40,000 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व की कई लंबित परियोजनाएं अब पूरी हो चुकी हैं, जो बेहतर निगरानी और समन्वय का परिणाम हैं।

पीएम श्री योजना को लेकर सख्त निर्देश

प्रधानमंत्री ने पीएम श्री योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इसे समग्र, आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार स्कूली शिक्षा का राष्ट्रीय मानक बनना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजना का क्रियान्वयन केवल ढांचागत नहीं, बल्कि पूरी तरह परिणाम केंद्रित होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से पीएम श्री स्कूलों की कड़ी निगरानी करने और इन्हें अन्य सरकारी स्कूलों के लिए बेंचमार्क के रूप में विकसित करने को कहा। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित जमीनी दौरे कर मूल्यांकन करने की सलाह दी।

गुजरात से शुरू हुआ विचार, राष्ट्रीय मंच बना PRAGATI

प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रगति का विचार उनके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते समय आया था। उस दौरान तकनीक आधारित जनशिकायत निवारण मंच की शुरुआत की गई थी, जिससे अनुशासन, पारदर्शिता और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित हो सकी। केंद्र में आने के बाद उसी भावना को राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति के रूप में लागू किया गया। बड़े प्रोजेक्ट्स, प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों और जनशिकायतों को एकीकृत मंच पर लाकर समीक्षा, समाधान और फॉलो-अप की व्यवस्था की गई, जिससे शासन में गति और पारदर्शिता बढ़ी।

प्रगति से 85 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मिली रफ्तार

प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रगति आधारित पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से अब तक 85 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को गति मिली है। वर्ष 2014 से अब तक प्रगति के तहत 377 परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें सामने आए 3,162 मुद्दों में से 2,958 यानी लगभग 94 प्रतिशत का समाधान किया गया। इससे परियोजनाओं में देरी, लागत वृद्धि और समन्वय की कमी में बड़ी गिरावट आई है।

उन्होंने बताया कि प्रगति के कारण कई दशकों से अटकी प्रमुख परियोजनाएं पूरी हो सकीं। इनमें असम का बोगीबील रेल-सह-सड़क पुल, जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, भिलाई स्टील प्लांट का आधुनिकीकरण और गडरवारा व लारा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं।

2047 तक विकसित भारत राष्ट्रीय संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाना एक राष्ट्रीय संकल्प और समयबद्ध लक्ष्य है। PRAGATI इस लक्ष्य को हासिल करने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि सामाजिक क्षेत्र में भी, विशेष रूप से मुख्य सचिव स्तर पर, PRAGATI जैसे तंत्र को संस्थागत किया जाए। साथ ही परियोजनाओं के हर चरण में तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में प्रगति को और मजबूत किया जाएगा, ताकि तेज क्रियान्वयन, उच्च गुणवत्ता और नागरिकों के लिए मापने योग्य परिणाम सुनिश्चित हो सकें।

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