
ये पोस्टर सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर काफी चर्चा बटोर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई। गंदे पानी के जमा होने से संक्रामक रोगों और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। खासतौर पर स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं इस गंदगी से गुजरने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
स्थानीय निवासी मनोज नागर और राकेश समेत कई लोगों ने बताया कि यह समस्या वर्षों पुरानी है, लेकिन हाल के दिनों में स्थिति और गंभीर हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र पानी की निकासी नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस विरोध की तस्वीरें और ब्योरा सामने आया है, जहां साफ दिख रहा है कि मुख्य मार्ग पानी से लबालब भरे हैं।
नगर पंचायत का पक्ष
नगर पंचायत अध्यक्ष राजवती देवी ने इस मुद्दे पर कहा कि जलभराव की समस्या उनके संज्ञान में है और समाधान के लिए प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही सड़कों से पानी हटवाकर लोगों को राहत पहुंचाई जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोग इन आश्वासनों से संतुष्ट नहीं दिख रहे और मांग कर रहे हैं कि ठोस कदम उठाए जाएं।
यह मामला एक बार फिर स्थानीय प्रशासन की जल निकासी व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। दनकौर जैसे तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी लोगों के गुस्से का कारण बन रही है। प्रशासन से उम्मीद है कि नए साल की शुरुआत से पहले इस समस्या का स्थायी हल निकाला जाए।

