भारतीय रेलवे ने रचा नया कीर्तिमान,  180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में भी नहीं छलका पानी

Vande Bharat Sleeper Train :

Vande Bharat Sleeper Train : नई दिल्ली/कोटा। भारतीय रेलवे ने हाई-स्पीड रेल तकनीक के क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का सफल ट्रायल पूरा कर लिया है। सवाई माधोपुर–कोटा–नागदा रेलखंड पर हुए इस परीक्षण में ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की, जबकि तेज गति के बावजूद ट्रेन के भीतर रखा पानी तक नहीं छलका। यह दृश्य रेलवे की उन्नत तकनीक और बेहतरीन इंजीनियरिंग का जीवंत प्रमाण बन गया है।

Vande Bharat Sleeper Train :

इस ऐतिहासिक ट्रायल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे रेल मंत्री ने स्वयं साझा करते हुए इसे भारतीय रेलवे के लिए “न्यू जनरेशन तकनीक की बड़ी उपलब्धि” बताया है।

रेल मंत्री ने साझा किया ट्रायल का वीडियो

रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का यह परीक्षण रेल सुरक्षा आयुक्त (CRS) की निगरानी में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि कोटा–नागदा खंड पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती यह ट्रेन भारत में विकसित अत्याधुनिक रेल तकनीक की ताकत को दर्शाती है।

रेल मंत्री द्वारा साझा किए गए वीडियो में ट्रेन की तकनीकी मजबूती साफ दिखाई देती है। ट्रायल के दौरान केबिन में मौजूद कर्मचारी द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो में स्पीडोमीटर के सामने पानी से भरे गिलास रखे हुए नजर आते हैं।

तेज रफ्तार, फिर भी पूर्ण स्थिरता

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जब ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी, तब भी पानी से भरे गिलास पूरी तरह स्थिर रहे और एक भी बूंद नहीं छलकी। वीडियो में स्पीडोमीटर साफ तौर पर 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड दिखाता है, जबकि ट्रेन के अंदर किसी प्रकार का कंपन या असंतुलन नजर नहीं आता।

यह प्रदर्शन वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, बेहतर ट्रैक्शन कंट्रोल और स्मूद राइड क्वालिटी को साबित करता है, जिससे यात्रियों को तेज रफ्तार में भी सुरक्षित और आरामदायक सफर मिलेगा।

सभी मानकों पर खरी उतरी वंदे भारत स्लीपर

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि यह ट्रायल वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के भविष्य के नियमित संचालन की दिशा में एक बड़ी तकनीकी सफलता है। परीक्षण के दौरान ट्रेन की गति, सुरक्षा मानकों और राइड क्वालिटी की गहन जांच की गई।

यह पूरा ट्रायल मुख्य आयुक्त रेल संरक्षा जनक कुमार गर्ग की निगरानी में संपन्न हुआ। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सफल परीक्षण के बाद अब यह स्लीपर रेक जल्द ही यात्रियों की सेवा के लिए उपलब्ध होगी।

16 कोच, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे, जिनमें स्लीपर और एसी श्रेणी के कोच शामिल रहेंगे। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कोचों में आरामदायक बर्थ और आधुनिक इंटीरियर डिजाइन किया गया है।

इसके अलावा ट्रेन में—

  • ऑटोमैटिक दरवाजे
  • आधुनिक टॉयलेट सिस्टम
  • फायर सेफ्टी उपकरण
  • सीसीटीवी निगरानी
  • डिजिटल पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम

जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

रेलवे का कहना है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन न सिर्फ देश में विकसित स्वदेशी तकनीक का उदाहरण है, बल्कि यह यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का सुरक्षित, तेज और आरामदायक यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगी। यह उपलब्धि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को मजबूती देने वाली मानी जा रही है।

Vande Bharat Sleeper Train :

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