We don’t want an Islamic Republic: ईरान में आर्थिक संकट से भड़के बड़े विरोध प्रदर्शन, ‘मुल्ला बाहर जाएं’, ‘तानाशाह मुर्दाबाद’ के नारे गूंजे

We don’t want an Islamic Republic: ईरान में पिछले तीन दिनों से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। ये प्रदर्शन मुख्य रूप से आर्थिक संकट से शुरू हुए, लेकिन अब राजनीतिक नारे लगने लगे हैं। तेहरान, मशहद, इस्फहान, शिराज और अन्य शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने “मुल्ला बाहर जाएं”, “तानाशाह मुर्दाबाद” और “इस्लामिक गणराज्य नहीं चाहिए” जैसे नारे लगाए।

प्रदर्शनों का मुख्य कारण
ईरानी रियाल का मूल्य रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिर गया है। अनौपचारिक बाजार में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 13 लाख रियाल से अधिक हो गई है, जबकि मुद्रास्फीति 42% से ऊपर पहुंच गई है। इससे आम लोगों की क्रय शक्ति खत्म हो गई है और रोजमर्रा की चीजें महंगी हो गई हैं। तेहरान के ग्रैंड बाजार में दुकानें बंद रहीं और व्यापारियों ने हड़ताल की।

राजनीतिक रंग और सुरक्षा बलों की कार्रवाई
कई वीडियो में प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों पर “बेशर्म” जैसे नारे लगा रहे हैं। कुछ जगहों पर आंसू गैस का इस्तेमाल हुआ, लेकिन बड़े स्तर पर हिंसा की खबरें नहीं हैं। ईरानी-अमेरिकी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए, जिसमें लोग एक स्वर में नारे लगा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में शाह समर्थक नारे भी सुनाई दिए, लेकिन इनकी पुष्टि सभी जगह नहीं हुई।

ट्रंप का कोण?
ये प्रदर्शन 2022-23 की महसा अमीनी आंदोलन के बाद सबसे बड़े पैमाने पर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंधों, खासकर डोनाल्ड ट्रंप की “अधिकतम दबाव” नीति ने ईरान की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल शुरू होने के बाद दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, ईरानी सरकार इसे सिर्फ आर्थिक मुद्दा बता रही है और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की पेशकश की है।

ईरानी राष्ट्रपति ने सरकार से “वैध मांगें” सुनने को कहा है, लेकिन सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनी की व्यवस्था पर सीधा सवाल उठ रहा है। स्थिति पर दुनिया की नजरें टिकी हैं।

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