कानपुर में आवारा कुत्तों के आतंक पर लगाम: 5 खूंखार कुत्तों को मिली ‘उम्रकैद’, दोबारा हमला तो उम्रकैद की सजा

कानपुर में आवारा कुत्तों के आतंक पर लगाम: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों को रोकने के लिए नगर निगम ने जीरो टॉलरेंस नीति सख्ती से लागू कर दी है। योगी सरकार के सितंबर 2025 में जारी नए दिशा-निर्देशों के तहत अब खतरनाक कुत्तों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है।

नए नियमों के अनुसार, अगर कोई कुत्ता (आवारा या पालतू) बिना उकसावे के किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसे 10 दिनों के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर में निगरानी में रखा जाता है। यदि वही कुत्ता दोबारा या इससे अधिक बार हमला करता है, तो उसे ABC सेंटर में आजीवन कैद (उम्रकैद) की सजा दी जाती है। इस सजा का उद्देश्य कुत्तों को मारना नहीं, बल्कि शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। कैद कुत्तों को सेंटर में पूरा खाना, इलाज और देखभाल मुहैया कराई जाती है।

ताजा जानकारी के मुताबिक, कानपुर नगर निगम ने अब तक 5 खूंखार कुत्तों को उम्रकैद की सजा सुना दी है। इनमें कुछ पालतू कुत्ते भी शामिल हैं, जो लोगों के लिए खतरा बन चुके थे। ये कार्रवाइयां हाल के दिनों में तेज हुई हैं, और शहर में कुत्तों के हमलों की शिकायतों पर त्वरित एक्शन लिया जा रहा है।

शहर में आवारा कुत्तों की संख्या करीब 1.30 लाख बताई जा रही है, जिनमें से 80 हजार से अधिक की नसबंदी हो चुकी है। नगर निगम रोजाना 60 कुत्तों की नसबंदी और एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन का अभियान चला रहा है।साथ ही, शिकायतों पर तुरंत डॉग कैचर टीम भेजी जा रही है।

यह नीति पूरे उत्तर प्रदेश में लागू है, लेकिन कानपुर जैसे शहरों में हमलों की घटनाएं ज्यादा होने से यहां सख्ती अधिक दिख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि नसबंदी और जागरूकता से लंबे समय में समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

नगर निगम अधिकारियों ने अपील की है कि इन कुत्तों के हमले की शिकायत तुरंत दर्ज कराएं, ताकि खतरनाक कुत्तों पर समय रहते कार्रवाई हो सके।

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