पूर्व डीजीपी बने UPESSC के चेयरमैन: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के कार्यकाल में, 300 से अधिक मुठभेड़ें और माफिया पर सख्त कार्रवाई

पूर्व डीजीपी बने UPESSC के चेयरमैन: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और 1990 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 17 दिसंबर 2025 को हुई और 19 दिसंबर को उन्होंने प्रयागराज स्थित आयोग मुख्यालय में कार्यभार संभाल लिया। उनका कार्यकाल 3 वर्ष का होगा या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो।

प्रशांत कुमार मई 2025 में डीजीपी पद से रिटायर हुए थे। जनवरी 2024 से मई 2025 तक कार्यवाहक डीजीपी रहते हुए उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। अब उनकी नियुक्ति से शिक्षक भर्तियों में पारदर्शिता और अनुशासन लाने की उम्मीद है, क्योंकि आयोग में लंबे समय से भर्तियां रुकी हुई हैं और पेपर लीक जैसी घटनाएं हुई हैं।

डीजीपी कार्यकाल की प्रमुख घटनाएं और उपलब्धियां
प्रशांत कुमार को ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के रूप में जाना जाता है। उनके कार्यकाल (विशेष रूप से ADG लॉ एंड ऑर्डर और डीजीपी के रूप में) में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध और माफिया पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई:
• 300 से अधिक एनकाउंटर: उनके नेतृत्व में करीब 300 मुठभेड़ें हुईं, जिनमें कई कुख्यात अपराधी मारे गए।
• माफिया पर कार्रवाई: 66 टॉप माफियाओं की लिस्ट तैयार कर उनके अवैध साम्राज्य को ध्वस्त किया। एंटी माफिया टास्क फोर्स गठित की गई और उनकी संपत्तियां जब्त की गईं।
• प्रमुख अपराधियों का सफाया: संजीव जीवा, मुकीम काला, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, सुशील मूंछ, विक्की त्यागी और साबिर गैंग जैसे गैंगस्टरों पर सख्त एक्शन।
• कानून-व्यवस्था की चुनौतियां संभाली: 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा, CAA-NRC विरोध प्रदर्शनों और अन्य संवेदनशील घटनाओं में शांति बनाए रखी।
• पुलिस सुधार: उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) का गठन, एनकाउंटर गाइडलाइंस में बदलाव (वीडियोग्राफी, फोरेंसिक जांच अनिवार्य) और पुलिस अनुशासन पर सख्ती।
• सम्मान: लगातार चार वर्ष (2020-2023) राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक से सम्मानित।
हालांकि, उनके कार्यकाल में एनकाउंटरों पर विवाद भी रहे। विपक्षी दलों ने कुछ मुठभेड़ों को फर्जी और जाति आधारित बताया, जिन्हें प्रशांत कुमार ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई कानून के दायरे में और आत्मरक्षा में होती है।

नई जिम्मेदारी में चुनौतियां
UPESSC माध्यमिक और उच्च शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती करता है। आयोग में 5,000 से अधिक पदों की भर्तियां लंबित हैं, UP-TET जैसे परीक्षाएं रुकी हुई हैं और पूर्व में पेपर लीक की घटनाएं भी हुई थी कहा यह जा रहा है इसी कारण परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थी। प्रशांत कुमार ने कार्यभार संभालते ही कहा कि भर्तियां मेरिट पर और जीरो टॉलरेंस के साथ होंगी। भर्ती कैलेंडर जारी करने और पारदर्शिता पर जोर दिया जाएगा।
प्रशांत कुमार का पुलिस अनुभव अब शिक्षा भर्ती में अनुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रिया लाने में मदद करेगा। यह नियुक्ति योगी सरकार की सख्त प्रशासनिक शैली को उजागर कर रही है।

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