मुख्य हादसा रनियाला पटाकपुर गांव के पास हुआ, जहां पिनगवां थाना क्षेत्र में 10-12 वाहनों और दो ट्रकों की चेन टक्कर हुई। पुलिस के अनुसार, इस हादसे में सीआईएसएफ इंस्पेक्टर हरीश कुमार (अलवर निवासी) और जयपुर के खलील की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों अलग-अलग वाहनों में सवार थे। 4-5 अन्य लोग घायल हुए, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस हादसे को बड़ा बताते हुए 20 से 50 वाहनों की टक्कर और 4 मौतों का जिक्र है। इनमें दो डंपर ट्रकों की टक्कर से शुरू हुई चेन रिएक्शन का उल्लेख है, जिसमें एक गुावा लदा ट्रक भी शामिल हुआ। हालांकि कुछ एजेंसियों ने मौतों की पुष्टि 2 पर की है, जिसमें सीआईएसएफ इंस्पेक्टर का नाम शामिल है।
अन्य हादसे:
– बनारसी गांव के पास (पिलर नंबर 45 के निकट) 7-8 वाहनों की टक्कर हुई, लेकिन इसमें कोई घायल नहीं हुआ, केवल वाहन क्षतिग्रस्त हुए।
– दिल्ली-अलवर रोड पर घासेड़ा गांव के पास हरियाणा रोडवेज बस और ट्रैक्टर की टक्कर हुई, लेकिन कोई हताहत नहीं।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाया और कुछ घंटों में एक्सप्रेसवे पर यातायात सामान्य कर दिया। नूंह जिले में सुबह से ही घना कोहरा छाया था, जिससे दृश्यता न के बराबर हो गई थी।
ऐसा माना जा रहा है की यह सर्दी का पहला बड़ा कोहरा संबंधी हादसा है, जो उत्तर भारत में कोहरे के बढ़ते प्रभाव को दिखा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोहरे में ड्राइविंग के दौरान कम स्पीड, फॉग लाइट्स का इस्तेमाल और सुरक्षित दूरी बनाए रखना जरूरी है।

