शिवराज पाटील का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकूर तहसील में हुआ था। उन्होंने लातूर लोकसभा सीट से सात बार चुनाव जीता और लंबे समय तक संसद में सक्रिय रहे। 1991 से 1996 तक वे लोकसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन रहे, जहां उन्होंने सदन की गरिमा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूपीए सरकार में वे 2004 से 2008 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे, साथ ही कार्मिक, कोयला, रसायन और उर्वरक जैसे महत्वपूर्ण विभागों का भी दायित्व संभाला। 2010 से 2015 तक वे पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक भी रहे।
पाटील को एक सौम्य और समर्पित राजनेता के रूप में जाना जाता था। हालांकि, 26/11 मुंबई हमलों के दौरान गृह मंत्री के रूप में उनकी भूमिका की आलोचना भी हुई थी, लेकिन उनकी राजनीतिक यात्रा में ईमानदारी और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण की सराहना हमेशा होती रही। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में उन्हें याद करते हुए कहा कि पाटील ने संसदीय परंपराओं को मजबूत किया।
संसद में शोक और श्रद्धांजलि
आज संसद के शीतकालीन सत्र के दसवें दिन लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व स्पीकर शिवराज पाटील के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। स्पीकर ओम बिरला ने सदन को सूचित किया कि पाटील का निधन आज सुबह लातूर में हुआ। सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा। इसके अलावा, सदन ने 2001 के संसद हमले में शहीद हुए कमांडो को भी श्रद्धांजलि दी। शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में भी पाटील के निधन पर शोक व्यक्त करने की मांग उठी। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पाटील राज्यसभा के पूर्व सदस्य भी थे, इसलिए सदन में भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सहमति जताई और कहा कि आज के निधन के कारण प्रक्रिया में विलंब हुआ, लेकिन उचित कदम उठाए जाएंगे। राज्यसभा की कार्यवाही में जीरो आवर के दौरान अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई, लेकिन मंत्रियों की अनुपस्थिति पर हंगामा हुआ।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “शिवराज पाटील एक अनुभवी प्रशासक और समर्पित जनसेवक थे। उनके निधन से राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके परिवार को मेरी गहन संवेदनाएं।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें “संसदीय लोकतंत्र के प्रहरी” बताते हुए श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “पाटील जी का निधन कांग्रेस के लिए गहरा आघात है। वे एक आदर्श नेता थे।” राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “कांग्रेस को अपूरणीय क्षति। पाटील जी की सादगी और सेवा भावना हमेशा याद रहेगी।” महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लातूर जाकर अंतिम दर्शन का ऐलान किया और कहा, “वे सभी दलों में सम्मानित थे। उनका जाना दुखद है।”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी संवेदना व्यक्त की, जबकि बीजेपी सांसद मयंक नायक ने कहा, “उनकी आत्मा को शांति मिले।” सोशल मीडिया पर भी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि सभा की।
शिवराज पाटील की राजनीतिक यात्रा महाराष्ट्र से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची। वे महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके थे। उनके निधन से लातूर सहित पूरे महाराष्ट्र में शोक की लहर है। राजनीतिक दल उनके योगदान को याद कर रहे हैं और अंतिम संस्कार में भाग लेने की घोषणा कर चुके हैं।

