जानकारी के अनुसार, पीड़िता का एक व्यक्ति से प्रेम संबंध था। इस संबंध को लेकर व्यक्ति की पत्नी नाराज थी। युवती पहली बार उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने कासा पुलिस स्टेशन पहुंची। लेकिन तीसरी या चौथी बार अपडेट लेने या बयान दर्ज कराने के लिए जब वह स्टेशन गई, तभी यह कुकृत्य हुआ। 26 नवंबर को युवती, आरोपी व्यक्ति और उसकी पत्नी तीनों ही स्टेशन पहुंचे। व्यक्ति की पत्नी भी युवती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना चाहती थी। वहां तीनों के बीच जोरदार बहस हो गई। इसी दौरान 40 वर्षीय कांस्टेबल शरद भोगड़े ने हस्तक्षेप किया और दोनों महिलाओं की शिकायतें दर्ज कीं।
शिकायत प्रक्रिया के दौरान भोगड़े ने पीड़िता से नजदीकी बढ़ाई। उसने युवती को स्टेशन परिसर के पीछे बने कांस्टेबल रूम में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना रविवार शाम को हुई। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या युवती खुद अपडेट लेने गई थी या उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
पालघर के पुलिस अधीक्षक यतीश देशमुख ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने तुरंत आरोपी कांस्टेबल शरद भोगड़े को गिरफ्तार कर लिया। कासा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी अविनाश मंडले को तत्काल मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) समेत अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की। अदालत में पेशी के बाद भोगड़े को 11 दिसंबर तक तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
यह घटना न केवल पीड़िता के लिए दर्दनाक है, बल्कि पूरी पुलिस व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए है। पीड़िता ने अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए भरोसा किया था, लेकिन उसी जगह न्याय की उम्मीद टूट गई। वरिष्ठ अधिकारी इसकी गहन जांच कर रहे हैं, और दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया गया है। समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है।

