Lawyer beaten with slippers in Delhi court: पूर्व सीजेआई गवई पर जूता फेंकने वाले वकील को पड़े लात, घुसे और चप्पल

Lawyer beaten with slippers in Delhi court: सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने के विवादास्पद वकील राकेश किशोर पर मंगलवार को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में हमला हो गया। एक वीडियो वायरल होने के बाद यह घटना सुर्खियों में आ गई है, जिसमें किशोर को एक अन्य वकील द्वारा चप्पलों से पीटा जा रहा है। हमलावर ने कथित तौर पर उन्हें पूर्व सीजेआई पर जूता फेंकने की सजा के रूप में यह धुनाई दी।

घटना दोपहर के समय कड़कड़डूमा कोर्ट में हुई, जब किशोर वहां मौजूद थे। मीडिया को दिए बयान में किशोर ने बताया, “एक युवा वकील, लगभग 35-40 वर्ष की उम्र का, ने हमें चप्पलों से हमला किया।” वायरल वीडियो में किशोर चिल्लाते नजर आ रहे हैं, “कौन है तू स…ले? सनातन धर्म की जय हो।” उनके साथ एक महिला भी दिखाई दे रही है, जो हमलावर से रुकने की गुहार लगा रही है। हमलावर ने किशोर को धक्का-मुक्की के साथ-साथ जूतों और चप्पलों से भी मारा।

इस घटना का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन किशोर का अतीत इसे जोड़ता नजर आ रहा है। अक्टूबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 1 में किशोर ने सीजेआई गवई पर स्पोर्ट्स शूज फेंकने की कोशिश की थी। यह हमला मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति के सिर बहाली से जुड़े फैसले पर गवई के टिप्पणी से नाराजगी के चलते किया गया था। किशोर ने तब नारे लगाए थे, “भारत सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।” सीजेआई गवई ने इसे नजरअंदाज करते हुए सुनवाई जारी रखी और कहा, “ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।”

उस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने किशोर को तत्काल निलंबित कर दिया था। उन्हें किसी भी कोर्ट, ट्रिब्यूनल या अथॉरिटी में पेश होने, पैरवी करने या प्रैक्टिस करने से रोक दिया गया। किशोर, जो 2009 में दिल्ली बार काउंसिल से रजिस्टर्ड हुए थे, मयूर विहार फेज-1 के निवासी हैं। पुलिस जांच में उनके पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, शाहदरा बार एसोसिएशन और दिल्ली बार काउंसिल के सदस्यता कार्ड मिले थे।

मंगलवार की पिटाई के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट में हंगामा मच गया। किशोर ने कहा कि हमलावर ने उन्हें सीजेआई पर जूता फेंकने के लिए “सजा” दी। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ वकीलों ने किशोर पर जूतों-चप्पलों से हमला किया, जो सनातन धर्म के अपमान का बदला लेने जैसा लग रहा है। फ्री प्रेस जर्नल ने वीडियो का हवाला देते हुए बताया कि किशोर कोर्ट परिसर में ही घेर लिया गया था।

पुलिस ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन घटना के वायरल होने के बाद जांच शुरू होने की संभावना है। किशोर ने कहा, “शायद जूता किसी टेबल पर गिर गया हो, मैं समझाने की कोशिश कर रहा था।” यह घटना न्यायिक परिसरों में बढ़ते तनाव को उजागर करती है, जहां वकीलों के बीच वैचारिक मतभेद हिंसक रूप ले रहे हैं।

किशोर का यह बयान आया है जब वे निलंबन के बावजूद कोर्ट में दिखे। बीसीआई ने साफ किया है कि उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई भी चल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं न्याय व्यवस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। फिलहाल, कड़कड़डूमा कोर्ट प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है।

यह मामला सनातन धर्म से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को फिर से सामने ला रहा है, जहां एक तरफ धार्मिक भावनाएं भड़क रही हैं, वहीं दूसरी तरफ न्यायिक मर्यादा का सवाल खड़ा हो रहा है। आगे की कार्रवाई का इंतजार है।

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