घटना सोमवार सुबह करीब 7:55 बजे जावहरनगर इलाके में हुई। वेंकट रत्नम अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने के बाद घर लौट रहे थे। तभी छह हमलावरों ने ऑटो रिक्शा और बाइक पर सवार होकर उनका पीछा किया। उन्होंने वेंकट की बाइक से ऑटो से टक्कर मारी और उन्हें जमीन पर गिरा दिया। उसके बाद चाकू से वार किया, पत्थरों से पीटा और अंत में गोली मार दी। हमलावरों ने गालियां देते हुए हमला किया और मौके से फरार हो गए। वेंकट को गर्दन, कलाई, कान, गाल, छाती समेत कई जगह गंभीर चोटें आईं और वे मौके पर ही दम तोड़ दिया।
पुलिस ने तुरंत सीसीटीवी फुटेज के आधार पर छापेमारी शुरू की। मंगलवार को मुख्य आरोपी चंदन सिंह ने पांच साथियों के साथ सरेंडर कर दिया। जांच में पता चला कि चंदन सिंह सुदेश सिंह के बेटे हैं, जिनकी 1999 में पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। सुदेश सिंह कथित तौर पर अपराधी थे और वेंकट रत्नम उस समय उनके ड्राइवर थे। चंदन का मानना था कि वेंकट ने पुलिस को सूचना देकर उसके पिता की हत्या करवाई थी। इस “विश्वासघात” ने चंदन के मन में 26 सालों तक बदले की आग भड़काए रखी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, चंदन ने हाल ही में वेंकट का पता लगाया, जो जावहरनगर में परिवार के साथ रह रहे थे। पिछले एक महीने से वह उन्हें ट्रैक कर रहा था और हमले की साजिश रच रहा था। चंदन ने पूछताछ में कथित तौर पर कबूल किया कि यह बदला पूरी तरह से सोचा-समझा था। हालांकि, शुरुआत में पुलिस को रियल एस्टेट विवाद का शक था, लेकिन अब यह पुरानी दुश्मनी का मामला साबित हो गया है। मलकजगिरी के डिप्टी कमिश्नर चंद्रशेखर श्रीधर ने बताया, “हम आरोपी के पुराने सहयोगियों के दुश्मनों की भी जांच कर रहे हैं।”
वेंकट रत्नम साकेत कॉलोनी के रहने वाले थे और निर्माण व्यवसाय से जुड़े थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। बेटी को स्कूल छोड़ने के तुरंत बाद हुई इस घटना ने परिवार को गहरा सदमा दिया है। पड़ोसियों का कहना है कि वेंकट शांत स्वभाव के इंसान थे और किसी से दुश्मनी नहीं रखते थे। इस हत्याकांड ने एक बार फिर एनकाउंटर की विवादास्पद प्रकृति पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां पुरानी घटनाएं आज भी हिंसा का रूप ले रही हैं।
जावहरनगर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी चंदन सिंह सहित छहों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। जांच जारी है और जल्द ही पूरा मामला साफ हो जाएगा। यह घटना शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठा रही है, जहां सड़क पर ही इतना क्रूर हमला हो गया।

