Karnataka Hijab vs. Saffron: हावेरी जिले के कॉलेज में फिर गरमाया हिजाब-भगवा विवाद

Karnataka Hijab vs. Saffron: कर्नाटक में साल 2022 के बाद एक बार फिर हिजाब और सफ़रन शॉल का विवाद सामने आया है। इस बार मामला हावेरी जिले के अक्की अलूर स्थित सी.जी. बेल्लाद गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज का है।

खबर के अनुसार, 3 दिसंबर को दो छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में क्लास अटेंड की थी। इसके विरोध में 4 दिसंबर को लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने सफ़रन रंग की शॉल (भगवा शॉल) पहनकर कॉलेज आए और क्लास में बैठ गए। इन छात्रों का कहना था कि कॉलेज प्रशासन बार-बार शिकायत के बावजूद ड्रेस कोड (यूनिफॉर्म नियम) का सख्ती से पालन नहीं करवा रहा और हिजाब की अनुमति दे रहा है, इसलिए वे भी अपना धार्मिक प्रतीक (सफ़रन शॉल) पहनकर आए हैं।

4 दिसंबर को लेक्चरर और प्रिंसिपल ने इस पर कोई ऐतराज़ नहीं जताया और दिन शांतिपूर्वक बीत गया। लेकिन 5 दिसंबर को जब छात्र फिर शॉल साथ लाए तो प्रशासन ने उनसे बातचीत की और उन्हें समझाने की कोशिश की। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि परिसर में प्रवेश करते ही छात्राएँ हिजाब उतार लेती हैं और सामान्य यूनिफॉर्म में ही क्लास करती हैं। सिर्फ़ 3 दिसंबर को दो छात्राओं ने हिजाब पहनकर क्लास की थी, जिसके जवाब में अगले दिन सफ़रन शॉल पहनकर विरोध जताया गया।

प्रिंसिपल वीरेश कुम्मुर ने बताया कि मामले को बातचीत से सुलझाया जा रहा है और 5 दिसंबर को इस संबंध में मीटिंग भी चल रही है। विवाद बढ़ने की आशंका को देखते हुए कॉलेज में मोबाइल फोन ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है और पिछले दो-तीन दिनों से बैग चेकिंग भी बढ़ा दी गई है।

गौरतलब है कि यही हिजाब विवाद 2022 में उदुपी से शुरू होकर पूरे कर्नाटक में फैल गया था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा था। कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में इस पर विभाजित फैसला दिया था, जिसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट के फ़ैसले (हिजाब पर प्रतिबंध को सही ठहराते हुए) को ही अंतिम माना जा रहा है। फिर भी समय-समय पर स्थानीय स्तर पर यह मुद्दा उभरता रहा है।
फिलहाल कॉलेज प्रशासन का दावा है कि मामला नियंत्रण में है और छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।

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