लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने सदन के कार्यवाही को स्थगित करने का नोटिस दिया है, जिसमें चार नए श्रम संहिताओं पर तत्काल चर्चा की मांग की गई है। एएनआई से बातचीत में श्री टैगोर ने कहा, “आज से संसद सुबह चलेगी, और हम संसद के बाहर श्रम संहिताओं के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।” केंद्र सरकार ने 21 नवंबर से चार श्रम संहिताओं को प्रभावी घोषित किया है, जो 29 पुरानी श्रम कानूनों को एकीकृत करती हैं। इनमें वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति संहिता 2020 शामिल हैं। विपक्ष का कहना है कि ये संहिताएं श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं।
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “लोकसभा स्पीकर द्वारा आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में फैसला हुआ कि 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा होगी, जबकि 9 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से निर्वाचन सुधारों पर बहस होगी।” यह सहमति पिछले दो दिनों के हंगामे के बाद बनी, जब विपक्ष ने मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) पर तत्काल चर्चा की मांग की थी।
राज्यसभा में भी विपक्ष और सरकार के बीच SIR मुद्दे पर गतिरोध बना रहा। मंगलवार को मंत्री रिजिजू ने चर्चा की तैयारी जताई, लेकिन समयसीमा नहीं दी। तृणमूल कांग्रेस के डेरिक ओ’ब्रायन ने एक्स पर कहा, “जिम्मेदार विपक्ष ने संसद चलाने के लिए सबकुछ किया। हम उदार और समायोजी बने, भले ही सरकार संसद का मजाक उड़ाती हो।” विपक्ष ने SIR को प्राथमिकता दी, लेकिन संसदीय लोकतंत्र की भावना में चर्चा को अगले सप्ताह टालने पर सहमत हो गया।
‘वंदे मातरम’ पर चर्चा को लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “सरकार ने आज विशेष उल्लेख के तहत ‘वंदे मातरम’ और निर्वाचन सुधारों पर चर्चा का विषय बना दिया है। मैं सरकार और संसदीय कार्य मंत्री से कहना चाहता हूं कि ‘वंदे मातरम’ कांग्रेस की रगों में बहता है। यह हमारे डीएनए में है। जब कांग्रेस ने ब्रिटिशों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, तब भी हम इससे प्रेरणा लेते थे। 150 वर्ष बाद इस पर चर्चा हो रही है, हम सिर झुकाते हैं।”
विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर बुधवार सुबह 9:45 बजे राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में मिलेंगे, जहां सत्र की संयुक्त रणनीति पर चर्चा होगी। मंगलवार को हुई विपक्षी बैठक में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी। लोकसभा में प्रश्नकाल पहली बार चला, लेकिन हंगामे के कारण कई मुद्दे लटके रहे।
यह सत्र विपक्ष के आक्रामक रुख के बीच चल रहा है, जहां SIR और श्रम संहिताओं जैसे मुद्दों पर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। संसद के अगले दिनों में इन चर्चाओं से सत्र की दिशा स्पष्ट हो सकती है।

