दिल्ली ब्लास्ट: नेतन्याहू का दौरा फिर टला, पुतिन का आना तय

Vladimir Putin/Israel News: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भारत दौरा एक बार फिर स्थगित हो गया है। दिसंबर में प्रस्तावित इस यात्रा को सुरक्षा कारणों से टाल दिया गया, जो दिल्ली के लाल किले के पास 12 नवंबर को हुए विस्फोटक हमले से जुड़ा माना जा रहा है। उधर, अगले महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा तय कार्यक्रम के मुताबिक ही होगा, जो दोनों देशों के बीच गहरे रणनीतिक रिश्तों को रेखांकित करता है।

इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेतन्याहू का यह दौरा 2025 में तीसरी बार टला है। इससे पहले अप्रैल और सितंबर में इजरायल के आंतरिक चुनावों के कारण यात्रा रद्द हो चुकी थी। i24NEWS की रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया कि दिल्ली में हुए इस हमले ने कम से कम 13 लोगों की जान ली और दर्जनों को घायल कर दिया, जो राजधानी में एक दशक से अधिक समय में सबसे घातक घटना थी। हमले के बाद सुरक्षा मूल्यांकन में चूक न होने देने के लिए यात्रा को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया। नेतन्याहू, जो 2018 में आखिरी बार भारत आए थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता के लिए आने वाले थे।

हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्पष्ट किया कि यात्रा स्थगित तो हुई है, लेकिन रद्द नहीं। एक आधिकारिक पोस्ट में कहा गया, “भारत और इजरायल के बीच रिश्ता बहुत मजबूत है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू को पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की सुरक्षा पर पूरा भरोसा है। दोनों देशों की टीमें पहले से ही नई तारीख पर समन्वय कर रही हैं।” यह बयान मीडिया में फैली अटकलों पर विराम लगाने का प्रयास लगता है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इन दावों को भ्रामक बताते हुए कहा कि यात्रा का स्थगित होना आपसी तालमेल और अन्य कारणों से है, न कि किसी सुरक्षा खतरे से।

पुतिन का दौरा
दूसरी ओर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर की पहली सप्ताह में भारत पहुंचने वाले हैं। यह दौरा यूक्रेन संकट के बीच दोनों देशों के रक्षा, ऊर्जा और व्यापार सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली ब्लास्ट के बावजूद रूस का यह कदम भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर उसके अटूट विश्वास को दर्शाता है। भारत-रूस संबंधों को देखते हुए यह दौरा सामरिक महत्व का है, खासकर जब इजरायल के साथ संबंध भी उतने ही मजबूत हैं।

पृष्ठभूमि
नेतन्याहू और मोदी के बीच निजी रसायन शास्त्र लंबे समय से चर्चा में रहा है। 2017 में मोदी की इजरायल यात्रा के बाद 2018 में नेतन्याहू भारत आए थे। इस बार प्रस्तावित यात्रा में रक्षा, प्रौद्योगिकी और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बात होने की संभावना थी। इजरायल ने जुलाई में अपनी राजनीतिक कैंपेन में नेतन्याहू की तस्वीरें मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के साथ लगाई थीं, जो उनकी वैश्विक छवि को मजबूत करने का प्रयास था।

विश्लेषकों का कहना है कि यह स्थगन भारत-इजरायल संबंधों पर असर नहीं डालेगा। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं, और इजरायल ने दिल्ली हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा था, “आतंक शहरों को निशाना बना सकता है, लेकिन मजबूत राष्ट्रों की भावना कभी नहीं तोड़ सकता।” नई तारीख 2026 की शुरुआत में तय होने की उम्मीद है।

अंतरराष्ट्रीय नजरिया
यह घटना वैश्विक भू-राजनीति के संदर्भ में भी रोचक है। भारत रूस और इजरायल दोनों के साथ संतुलित संबंध रखता है—रूस से रक्षा सौदे, इजरायल से उन्नत तकनीक। एक्स पर चर्चा में कुछ यूजर्स ने इसे “दो साझेदारों की कहानी” बताया, जहां पुतिन का दौरा बरकरार रहना भारत की कूटनीतिक ताकत दिखाता है। फिलहाल, दोनों देश नई तारीखों पर काम कर रहे हैं, जो भारत-इजरायल बंधन की मजबूती का प्रमाण है।

यहां से शेयर करें