ट्रम्प पर आरोप लोकतंत्र के खिलाफ हमला,घिनौनी और खतरनाक धमकी

US House of Representatives News: अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रुथ सोशल पोस्ट पर तीखा प्रहार किया। ट्रंप ने डेमोक्रेटिक सांसदों पर “राजद्रोही व्यवहार” का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार करने और मौत की सजा देने की बात कही थी, जिसे जेफ्रीज ने “घिनौना और खतरनाक मौत का फतवा” करार दिया। यह विवाद सैन्य और खुफिया एजेंसियों को ट्रंप के अवैध आदेशों की अवहेलना करने की डेमोक्रेट्स की अपील के बाद भड़का है।

जेफ्रीज ने कैपिटल हिल पर आयोजित ब्रीफिंग में कहा, “ट्रंप की यह बयानबाजी अमेरिकी लोकतंत्र के लिए सीधी चुनौती है। वे सांसदों को मौत की धमकी दे रहे हैं, जो असंवैधानिक और अस्वीकार्य है। हम इस तरह की हिंसक भाषा को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने माइनॉरिटी व्हिप कैथरीन क्लार्क और डेमोक्रेटिक कॉकस चेयर पीट एगुइलर के साथ मिलकर एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें ट्रंप के पोस्ट को “डेमोक्रेटिक नेताओं के खिलाफ घृणा फैलाने वाला” बताया गया। जेफ्रीज ने चेतावनी दी कि ट्रंप को “अपना लापरवाह मुंह बंद रखना चाहिए”, वरना कांग्रेस में उनके खिलाफ कार्रवाई तेज हो जाएगी।

विवाद की जड़
ट्रंप ने बुधवार रात ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने डेमोक्रेटिक सांसदों पर “राजद्रोह” (सेडिशन) का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “इन गद्दारों का व्यवहार राजद्रोही है! उन्हें गिरफ्तार कर ट्रायल पर ले जाओ। राजद्रोह की सजा मौत है!” यह पोस्ट डेमोक्रेट्स के एक वीडियो के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने सैन्यकर्मियों और सीआईए अधिकारियों को ट्रंप के संभावित अवैध आदेशों (जैसे अवैध छापेमारी या राजनीतिक प्रतिशोध) की अनदेखी करने की सलाह दी थी।

डेमोक्रेट्स का वीडियो सैन्य कानूनों (यूनिफॉर्म कोड ऑफ मिलिट्री जस्टिस) का हवाला देते हुए था, जो अवैध आदेशों की अवहेलना की अनुमति देता है। लेकिन ट्रंप ने इसे “देशद्रोह” करार देते हुए कहा कि ऐसे सांसदों को “लॉक अप” कर देना चाहिए। व्हाइट हाउस ने ट्रंप के बयान को हल्का बताते हुए कहा कि यह “राजनीतिक बहस का हिस्सा” है, लेकिन डेमोक्रेट्स ने इसे “हिंसक उकसावा” माना।

जेफ्रीज की ब्रीफिंग: मुख्य बिंदु
• धमकी की निंदा: जेफ्रीज ने कहा, “ट्रंप का यह पोस्ट न सिर्फ सांसदों के खिलाफ है, बल्कि पूरे अमेरिकी लोकतंत्र के खिलाफ है। हम कैपिटल पुलिस से संपर्क कर रहे हैं ताकि इसकी जांच हो।”

• रिपब्लिकन्स पर हमला: उन्होंने स्पीकर माइक जॉनसन और अन्य रिपब्लिकन नेताओं को “ट्रंप के गुर्गे” कहा, जो सरकार बंद होने (शटडाउन) के लिए जिम्मेदार हैं। जेफ्रीज ने याद दिलाया कि डेमोक्रेट्स ने कई बार फंडिंग बिल पास करने की कोशिश की, लेकिन रिपब्लिकन्स ने स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी और आप्रवासन नीतियों पर अड़िग रहने से इनकार किया।

• आगे की रणनीति: डेमोक्रेटिक लीडर्स ने 2026 मिडटर्म चुनावों में रिपब्लिकन्स को “सत्ता से बाहर करने” का संकल्प लिया। जेफ्रीज ने कहा, “अमेरिकी जनता ट्रंप की अराजकता को देख रही है। वे हमें चुनेगी।”

पृष्ठभूमि
यह घटना अमेरिकी सरकार के शटडाउन संकट के बीच हो रही है, जो सितंबर से चला आ रहा है। रिपब्लिकन्स “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” (टैक्स और घरेलू नीति कानून) के तहत स्वास्थ्य लाभों में कटौती चाहते हैं, जबकि डेमोक्रेट्स एफोर्डेबल केयर एक्ट की रक्षा कर रहे हैं। ट्रंप ने पहले भी डेमोक्रेट्स पर हमला बोला था—सितंबर में उन्होंने एआई-जनरेटेड डीपफेक वीडियो शेयर किया, जिसमें जेफ्रीज को सोम्ब्रेरो (मेक्सिकन टोपी) पहनाकर और चक शूमर को गालियां देते दिखाया गया। जेफ्रीज ने इसे “नस्लवादी” बताया था, जबकि वाइस प्रेसिडेंट जेडी वैंस ने “मजाक” कहा था।

कांग्रेस में अब ट्रंप के खिलाफ नई महाभियोग प्रस्ताव लाने की चर्चा तेज है। टेक्सास के डेमोक्रेट सांसद अल ग्रीन ने वादा किया है कि 2025 के अंत तक ट्रंप पर महाभियोग लाएंगे।

जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर #TrumpThreats ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स ट्रंप को “तानाशाह” बता रहे हैं। एक पोस्ट में लिखा गया, “ट्रंप की धमकियां अमेरिका को विभाजित कर रही हैं। जेफ्रीज सही कह रहे हैं—यह लोकतंत्र का अंत है।” दूसरी ओर, मैगा समर्थक इसे “डेमोक्रेट्स का प्रोपेगैंडा” बता रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषक ग्रांट डेविस रीहर ने कहा, “ट्रंप की यह रणनीति शॉर्ट-टर्म में समर्थकों को खुश कर सकती है, लेकिन लॉन्ग-टर्म में डेमोक्रेट्स को फायदा पहुंचाएगी।” एक युगॉव पोल के मुताबिक, 37% वोटर शटडाउन के लिए ट्रंप और रिपब्लिकन्स को जिम्मेदार ठहराते हैं।

यह विवाद अमेरिकी राजनीति में बढ़ते ध्रुवीकरण को दिखा रहा है, जहां सोशल मीडिया अब हथियार बन चुका है। जेफ्रीज की ब्रीफिंग ने डेमोक्रेट्स को एकजुट किया है, लेकिन ट्रंप प्रशासन का जवाब क्या होगा—यह देखना बाकी है।

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