‘निगम को जल संचयन के लिए दो करोड़ का पुरस्कार’

Ghaziabad news  नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में जल संचयन के लिए भारत में पांचवा तथा उत्तर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर मंगलवार को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने दिल्ली के विज्ञान भवन में महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए नगर निगम को दो करोड़ का पुरस्कार भी मिला है।
महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि नगर निगम लगातार शहर हित में कार्य करने के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी अपनी एक पहचान बना रहा है। कहा कि जलकल विभाग की जन सहभागिता से शहर वासियों को भी जल संचयन के प्रति जागरूक किया है, सभी के सहयोग से निगम एक बार फिर विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा। जिसके लिए निगम अधिकारी प्रशंसा के पात्र हैं।
नगर आयुक्त ने टीम को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए नगर निगम ने पार्को में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्थित की, इसके अलावा तालाबों को भी पुनर्जीवित करते हुए जल संचयन को बढ़ावा दिया गया है।
नगर आयुक्त ने कहा  कि नगर निगम जलकल विभाग की 11406 रेनवाटर हार्वेस्टिंग जो की पांचो जोन में व्यवस्थित है, इसके अलावा लगभग 140 तालाब को व्यवस्थित करने का कार्य निगम की तरफ से जारी है। इसलिए आज निगम सभी के सहयोग से दो करोड़ का पुरस्कार जीतने में कामयाब रहा।
महाप्रबंधक जल कामाख्या प्रसाद आनंद ने बताया गया कि आगे भी गाजियाबाद नगर निगम की तरफ से तालाबों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा वाटर हार्वेस्टिंग के कार्यों को और अधिक बढ़ाने के लिए कार्य योजना बनाई गई है, जिससे भूल गर्भ जल स्तर में सुधार होगा।
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अवैध कब्जा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं: महापौर


Ghaziabad news  महापौर सुनीता दयाल के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने सिद्धार्थ विहार में खसरा संख्या 385/3, कैला गांव स्थित लगभग 3,000 से 4,000 वर्ग मीटर भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराई।
महापौर सुनीता दयाल ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि निगम की जमीन पर अवैध कब्जा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महापौर ने लेखपाल निशांत त्यागी समेत कुछ अधिकारियों पर मिली भगात कर अवैध कब्जा कराने का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह की लापरवाही भविष्य में स्वीकार नहीं की जाएगी। निगम अधिकारियों के अनुसार, भूमि पर सड़क बनाकर प्लॉटिंग एवं अन्य निर्माण कार्य की तैयारी की जा रही थी। महापौर ने कहा कि जमीन की अनुमानित कीमत करीब 20 करोड़ रुपये मूल्य है।
नगर निगम ने चेतावनी दी है कि शहर में जहां भी सरकारी या निगम की भूमि पर अवैध निर्माण या कब्जे की कोशिश की जाएगी, वहां ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

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