आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह अभियान रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ), गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी), डॉग स्क्वायड और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों की निगरानी में आयोजित किया गया। अभियान के दौरान स्टेशन के प्लेटफॉर्म, पार्किंग क्षेत्र, ट्रेनों और आसपास के इलाकों में गहन जांच की गई। स्निफर डॉग्स की मदद से संभावित खतरों की तलाश की गई, जबकि वाहनों और यात्रियों की फ्रिस्किंग भी की गई।
यह कदम हाल ही में दिल्ली के रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुई विस्फोटक घटना के बाद पूरे जम्मू क्षेत्र में बढ़ी सतर्कता का हिस्सा है। 10 नवंबर को हुई उस घटना में 12 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। पुलिस ने जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे, रेलवे ट्रैक और संवेदनशील स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है। इसके अलावा, माता वैष्णो देवी श्राइन और कटरा बेस कैंप पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती मजबूत की गई है।
जम्मू पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल शिव कुमार शर्मा ने बताया कि जनता से अपील है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत सूचना दें। “हमारी प्राथमिकता यात्रियों को किसी असुविधा के बिना सुरक्षित यात्रा प्रदान करना है। रेलवे कर्मचारियों को विशेष सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं,” उन्होंने कहा। यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि किसी संदिग्ध वस्तु को छुएं नहीं और तुरंत हेल्पलाइन नंबर 139 या 182 पर संपर्क करें।
इससे पहले 13 नवंबर को भी जम्मू रेलवे स्टेशन पर इसी तरह का विशेष सुरक्षा अभियान चलाया गया था, जो उत्तरी रेलवे के जम्मू डिवीजन में नियमित रूप से आयोजित होते रहते हैं। वरिष्ठ डिवीजनल कमर्शियल मैनेजर उचित सिंघल ने कहा, “ये अभियान यात्री सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। हम सामान्य रेल यातायात को बनाए रखते हुए कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।”
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां लगातार समन्वय बनाए रख रही हैं। हाल ही में नौगाम पुलिस स्टेशन में हुई दुर्भाग्यपूर्ण विस्फोटक दुर्घटना के बाद भी सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त किया गया है। जनता से अपील की गई है कि सीसीटीवी कैमरों की स्थापना करें और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें।
यह अभियान जम्मू-कश्मीर की शांति और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय पुलिस या रेलवे अधिकारियों से संपर्क करें।

