US-China Trade Agreement News: अमेरिका और चीन ने महीनों से चल रहे व्यापार युद्ध में राहत की सांस ली है। दोनों देशों के बीच गुरुवार को एक साल की अस्थायी व्यापार संधि हुई, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्रों—दुर्लभ खनिज, कृषि उत्पाद और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक—पर सीधा असर पड़ेगा।
यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद हुआ। दोनों नेताओं की यह मुलाकात ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में पहली आमने-सामने की बैठक थी।
ड्रग्स से जुड़ी टैरिफ में कटौती
ट्रंप ने घोषणा की कि फेंटेनाइल (एक सिंथेटिक ड्रग) से संबंधित चीन पर लगे 20% टैरिफ को घटाकर 10% कर दिया गया है। इससे चीनी आयात पर कुल प्रभावी कर दर 57% से घटकर 47% हो गई। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
दुर्लभ खनिज (Rare Earth Minerals) पर चीन की रियायत
चीन ने दुर्लभ खनिजों पर लगाने जा रही कड़ी पाबंदियों को एक साल के लिए टाल दिया है। ये खनिज स्मार्टफोन, एआई, रक्षा तकनीक और कंप्यूटर चिप्स के लिए जरूरी हैं।
• चीन वैश्विक दुर्लभ खनिज खनन का 60% और प्रोसेसिंग का 90% नियंत्रित करता है।
• अगर पाबंदी लागू होती, तो अमेरिकी उद्योगों को भारी नुकसान होता।
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेनिस वाइल्डर ने कहा, “चीन का पीछे हटना वास्तविक है, लेकिन समझौते के ब्यौरे तय करेंगे कि अमेरिका को कितनी राहत मिलेगी।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका को अपनी स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला बनाने में 5 से 10 साल लग सकते हैं।
सोयाबीन किसानों के लिए बड़ी राहत
ट्रंप ने कहा कि शी जिनपिंग ने अमेरिकी सोयाबीन, ज्वार और अन्य कृषि उत्पादों की भारी खरीद की मंजूरी दी है।
अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने बताया:
• इस साल 12 मिलियन मीट्रिक टन सोयाबीन खरीद होगी।
• अगले तीन सालों में हर साल कम से कम 25 मिलियन मीट्रिक टन।
यह मात्रा व्यापार युद्ध से पहले के स्तर पर लौटती है।
इलिनॉय यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जो जैंजन ने कहा, “यह समझौता सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट की आशंका को दूर करता है।”
हालांकि, उन्होंने सावधानी बरतते हुए कहा कि पिछले ‘फेज-1’ समझौते में चीन ने खरीद वादे पूरे नहीं किए थे, इसलिए बाजार अभी भी संशय में है।
टिकटॉक का भविष्य अभी अनिश्चित
टिकटॉक की अमेरिकी निवेशकों को बिक्री पर चीन की औपचारिक मंजूरी अभी नहीं आई है।
• पिछले महीने ट्रंप ने अमेरिकी निवेशकों को टिकटॉक खरीदने का रास्ता साफ किया था।
• बेसेंट ने कहा कि चीन ने हाल के दिनों में मंजूरी दे दी है और आने वाले हफ्तों में सौदा पूरा हो सकता है।
लेकिन विशेषज्ञ सतर्क हैं:
• टिकटॉक का एल्गोरिदम विवाद का केंद्र है।
• अमेरिका चाहता है कि एल्गोरिदम भी अमेरिकी नियंत्रण में आए, ताकि कंटेंट मैनिपुलेशन का खतरा न रहे।
• चीन इसे अपनी बौद्धिक संपत्ति मानता है।
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के कानून प्रोफेसर एलन रोजेंश्टाइन ने कहा, “जब तक लिखित समझौता न हो, कुछ भी पक्का नहीं।”
क्या यह समझौता टिकेगा?
चीन विशेषज्ञ कैसर कुओ ने कहा, “यह प्रगति है, लेकिन अमेरिका-चीन संबंधों की अस्थिरता को देखते हुए इसका भविष्य अनिश्चित है।”
विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के लिए अस्थायी राहत है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए और बातचीत की जरूरत होगी।

