बिहार चुनाव: पटना में महागठबंधन ने जारी किया संयुक्त घोषणा पत्र, ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ में रोजगार और विकास पर दिया गया जोर

Bihar Elections/Grand Alliance News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए विपक्षी महागठबंधन ने मंगलवार को पटना में अपना संयुक्त घोषणा पत्र जारी कर दिया। ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ के नाम से जाना जाने वाला यह घोषणा पत्र महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के नाम पर आधारित है, जिसमें राज्य को नंबर वन बनाने का रोडमैप पेश किया गया है। घोषणा पत्र जारी करने के दौरान तेजस्वी यादव ने एनडीए पर नकारात्मक राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि महागठबंधन बिहार की समस्याओं का समाधान लेकर आया है।

घोषणा पत्र जारी करने का आयोजन पटना के गांधी मैदान में दोपहर 4:30 बजे किया गया, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, वीआईपी और अन्य सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहे। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “महागठबंधन ने सबसे पहले अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया और अब सबसे पहले घोषणा पत्र भी जारी किया। यह दिखाता है कि हम बिहार के प्रति कितने गंभीर हैं।” इसी तरह, सीपीआई नेता राम नरेश पांडे ने कहा, “लोगों की बहुत अपेक्षाएं थीं, और आज हमने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया।”

प्रमुख वादे: रोजगार, कानून-व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण पर फोकस
‘तेजस्वी प्रण पत्र’ में बिहार की प्रमुख समस्याओं जैसे बेरोजगारी, पलायन, कानून-व्यवस्था और विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्य वादों में शामिल हैं:
• रोजगार गारंटी: हर परिवार में कम से कम एक सरकारी नौकरी। सरकार बनने के 20 महीनों के अंदर युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की जाएंगी। अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा।
• महिला सशक्तिकरण: जीविका दीदियों को 30,000 रुपये मासिक वेतन। ‘मां’ और ‘बेटी’ योजनाओं के तहत महिलाओं के लिए विशेष सहायता। 500 रुपये में गैस सिलेंडर और 200 यूनिट मुफ्त बिजली।
• कानून-व्यवस्था: पुलिस बल का राजनीतिकरण खत्म करना, थाना प्रभारियों की नियुक्ति में पारदर्शिता। हाल के अपराधों को ‘गुंडा राज’ बताते हुए इसे मजबूत बनाने के उपाय।
• शिक्षा और स्वास्थ्य: शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार सुनिश्चित। आरक्षण की सीमा 65% से बढ़ाकर 75% करना।
• कृषि और पलायन: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विशेष योजनाएं। पलायन रोकने के लिए स्थानीय रोजगार पर जोर।

तेजस्वी यादव ने कहा, “हमने रोडमैप दिया है, विजन दिया है। बिहार को नंबर वन बनाएंगे। एनडीए केवल नकारात्मक बोलता है, हम बिहार को आगे ले जाएंगे।” उन्होंने एनडीए से भी अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की मांग की।

एनडीए का पलटवार: ‘झूठे वादे, सत्ता की भूख’
महागठबंधन के घोषणा पत्र पर एनडीए ने तीखा प्रहार किया। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “अगर सत्ता में आने का भरोसा नहीं, तो बड़े-बड़े वादे करने में क्या हर्ज? झूठ बोलने में क्या समस्या?” पूर्व उपमुख्यमंत्री तरकीशोर प्रसाद ने इसे ‘सत्ता प्राप्ति का हथकंडा’ बताया। जेडीयू नेता नीतीन नबीन ने कहा, “ये वादे अवास्तविक हैं, विकास से कोई लेना-देना नहीं। नीतीश कुमार खुद एक घोषणा पत्र हैं – उनका काम बोलता है।”

बीजेपी नेता अश्विनी चौबे ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा, “चुनाव के बाद तेजस्वी जेल की हवा खाएंगे। बिहारी भ्रष्टाचार को नकार चुके हैं।”

चुनावी माहौल: छठ के बाद तेज रफ्तार
छठ पूजा के अंत के साथ ही बिहार का चुनावी माहौल गरम हो गया है। महागठबंधन ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश साहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। राहुल गांधी और तेजस्वी 29 अक्टूबर से मुजफ्फरपुर और दरभंगा में संयुक्त रैलियां करेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खड़गे भी 28 अक्टूबर से अभियान शुरू करेंगे।

वहीं, एनडीए 30 अक्टूबर को अपना घोषणा पत्र जारी करेगा। चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। 243 सीटों पर मुख्य मुकाबला एनडीए (बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी आदि) और महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी आदि) के बीच है।

महागठबंधन का यह घोषणा पत्र बिहार के 36% अति पिछड़े वर्ग (ईबीसी) और युवाओं को लुभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रोजगार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे चुनाव के परिणाम तय करेंगे। बिहार की जनता बदलाव की उम्मीद में नजरें बिछाए बैठी है।

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