सूरजपुर वेटलैंड बनेगा ईको-टूरिज्म का नया मॉडल: डीएम मेधा रूपम बनी वाइल्डलाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र, खिची पक्षियों की दुर्लभ तस्वीरें किया औचक निरीक्षण

Greater Noida News: गौतमबुद्ध नगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम ने शुक्रवार को जिले की पर्यावरणीय धरोहर सूरजपुर वेटलैंड का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वेटलैंड को ईको-टूरिज्म मॉडल के रूप में विकसित करने के सख्त निर्देश दिए, ताकि यह न केवल जैव विविधता का संरक्षण करे, बल्कि पर्यटन के माध्यम से क्षेत्र की हरित पहचान को मजबूत बनाए। निरीक्षण के दौरान डीएम ने गोल्फ कार्ट से भ्रमण किया और सर्दियों में पहुंचने वाले प्रवासी पक्षियों की दुर्लभ तस्वीरें कैमरे में कैद कीं, जो वेटलैंड की प्राकृतिक सुंदरता का जीवंत प्रमाण बन गईं।

सूरजपुर वेटलैंड, जो यमुना नदी बेसिन का एक प्रमुख शहरी वेटलैंड है, पक्षियों और वन्यजीवों का सुरक्षित आवास है। यहां 300 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें स्पॉट-बिल्ड डक और लेसर व्हिसलिंग डक जैसी दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं।

डीएम मेधा रूपम के नेतृत्व में हुए इस निरीक्षण में प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) रजनीकांत मित्तल सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने डीएम को वेटलैंड के रखरखाव, प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, सौंदर्यकरण कार्यों और भविष्य की कार्ययोजना की जानकारी दी। कार्ययोजना में नए वृक्षारोपण, पक्षी अवलोकन टावरों का निर्माण और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना प्रमुख है।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वेटलैंड के संरक्षण, स्वच्छता और सौंदर्यकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा, “यह जिले की अमूल्य प्राकृतिक संपदा है, जहां किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाए, साथ ही जनजागरूकता अभियान चलाकर समाज को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा जाए।” डीएम का मुख्य फोकस सूरजपुर को ईको-टूरिज्म का आदर्श मॉडल बनाने पर है, जिससे ग्रेटर नोएडा पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख हरित गंतव्य के रूप में उभरे। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी मजबूत होगा।

पिछले वर्षों में सूरजपुर वेटलैंड को प्रदूषण और अवैध निर्माण की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन हालिया प्रयासों से इसमें सुधार देखा जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) ने भी निजी भागीदारी से सफाई और पर्यटन विकास की योजना तैयार की है। डीएम के निर्देशों के बाद वन विभाग ने तत्काल कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है, जिसमें सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।

यह पहल न केवल स्थानीय निवासियों के लिए गर्व का विषय बनेगी, बल्कि देशभर के पर्यावरण प्रेमियों को आकर्षित करेगी। सूरजपुर वेटलैंड अब ईको-टूरिज्म के माध्यम से एक नई ऊंचाई छूने की ओर अग्रसर है।

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