तेजस्वी ने बिहार सरकार के विश्व बैंक समर्थित बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (बीआरएलपी) से जुड़ी ‘जीविका’ दीदियों के लिए कई उपायों की घोषणा की। उन्होंने कहा, “जीविका दीदियां कई जिम्मेदारियां निभाती हैं। हम उन्हें 30,000 रुपये मासिक वेतन के साथ स्थायी नौकरी देंगे। इसके अलावा, जीविका कर्मियों को दिए गए ऋणों पर ब्याज माफ किया जाएगा और प्रत्येक को 5 लाख रुपये का कवर प्रदान किया जाएगा।” बिहार में वर्तमान में लगभग 1.4 करोड़ जीविका कार्यकर्ता हैं, जो 11 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी हैं।
तेजस्वी ने महागठबंधन की प्रस्तावित ‘माई बहिन योजना’ के तहत महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक सहायता देने की बात दोहराई। इसके अलावा, उन्होंने दो नई योजनाओं की घोषणा की: मां (मकान, अन्न और आमदनी) और बेटी (लाभ, शिक्षा, प्रशिक्षण, आय)। उन्होंने कहा, “मां योजना के तहत हर महिला को घर, पर्याप्त राशन और आय सुनिश्चित की जाएगी। बेटी योजना के जरिए लड़कियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार तक की व्यवस्था होगी।”
केंद्र के गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा, “शाह जी ने 1.21 करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपये देने की बात को ‘सीड मनी’ बताया। यह एक तरह का ऋण है। 10,000 रुपये से कौन सा व्यवसाय शुरू हो सकता है? लेकिन हम माई बहिन योजना के तहत हर महिला को 2,500 रुपये महीना देंगे।”
तेजस्वी ने राज्य के 1.5-2 लाख संविदा कर्मचारियों को स्थायी नौकरी देने का भी वादा किया। उन्होंने कहा, “इन कर्मचारियों की सेवाएं बिना किसी नोटिस के खत्म कर दी जाती हैं। हम संविदा नौकरियों में कमीशन की प्रथा को खत्म करेंगे। तेजस्वी जो कहता है, वह करता है।”
इन योजनाओं के लिए बजट के सवाल पर तेजस्वी ने कहा, “हमने इसकी पूरी गणना की है। पहले एनडीए से पूछिए, जिन्होंने 7 लाख करोड़ रुपये की घोषणाएं की हैं।” सीट-बंटवारे को लेकर महागठबंधन में मतभेद की खबरों पर उन्होंने कहा, “सब ठीक है। कल हम और जानकारी देंगे।”
हालांकि, आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत अभी तक पूरी नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, बछवारा, राजापाकर और बिहार शरीफ सीटों पर दोनों दलों के बीच ‘फ्रेंडली कॉन्टेस्ट’ की संभावना है।
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही तेजस्वी यादव के इन वादों ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। अब देखना यह है कि मतदाता इन घोषणाओं पर कितना भरोसा जताते हैं।

