नोएडा प्राधिकरण का सिस्टम हुआ बीमार, कर्मचारियों का कैसे होगा इलाज

Noida Authority: नोएडा प्राधिकरण की ओर से अलग अलग निजी अस्पतालों ने इलाज कराने वाले कर्मचारियों के इलाज पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, नोएडा प्राधिकरण का सिस्टम बीमार हो जाना। दरअसल निजी अस्पतालों में नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों का कैशलेस इलाज किया जाता है और उसके बाद उसकी पेमेंट अस्पताल सीधे प्राधिकरण से लेता है। मगर प्राधिकरण ने पिछले करीब डेढ़ साल से दर्जन भर से अधिक निजी अस्पतालों की पेमेंट नही की है। अब जिसके चलते कर्मचारियों के इलाज में अब व्यावधान पैदा होने लग रहा है। ज्यादातर अस्पताल वाले प्राधिकरण के कर्मचारियों को भर्ती करने से बच रहे हैं। हालाँकि स्पष्ट तौर पर अस्पताल भर्ती करने से मना तो करते नहीं लेकिन बहाने जरूर बना देते हैं। कुछ अस्पताल वालों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्राधिकरण ने उनकी पेमेंट सालों से रोकी हुई है। प्राधिकरण में कहा जाता है कि पर्याप्त लोग नही है इसलिए फाइलें रुकी है। कई बार अस्पताल संचालकों ने प्राधिकरण के अफसरों से गुहार भी लगायी है, मगर मामला जस का तस पड़ा है।
नियम के हिसाब से होता है इलाज
बताया जाता है कि जितने भी लोग निजी अस्पतालों में भर्ती होते हैं उनका कैसे इलाज हुआ और क्या बीमारियाँ थी। इस सब को लेकर सबसे पहले जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी फाइल चेक करते हैं। उसके बाद पेमेंट के लिए फाइल प्राधिकरण में भेजी जाती है। प्राधिकरण में भी कमेटी बनायी गई है ताकि इलाज और बीमारियों को लेकर पूरी जांच की जा सके। जिसमें कई अफसर हैं। एसीईओ की अगुवाई में ये कमेटी बनायी गयी है लेकिन मामला जस का तस पड़ा है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर लोकेश एम खुद डाक्टर है लेकिन प्राधिकरण के बीमार सिस्टम का इलाज वो नहीं कर पा रहे हैं। अस्पताल संचलाक काफी परेशान है।

 

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