Washington News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी है। खबरों के मुताबिक, ट्रंप उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन से मुलाकात की योजना बना रहे हैं, जिसने उनके करीबी सहयोगी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग को आश्चर्य में डाल दिया है। यह कदम कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और कूटनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है।
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि वह किम जोंग-उन से दोबारा संपर्क करना चाहते हैं। उन्होंने किम के साथ अपने पुराने “अच्छे संबंधों” का जिक्र करते हुए कहा, “वो मुझे पसंद करते हैं, और मैं उनसे मिलने को तैयार हूँ।” यह बयान उस समय आया है, जब ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के साथ एक बड़े व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, और प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
हालांकि, ट्रंप की इस योजना ने दक्षिण कोरिया को असहज स्थिति में डाल दिया है। दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच 1950 के दशक से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, और अमेरिका का उत्तर कोरिया के साथ करीबी रुख दक्षिण कोरिया के लिए चिंता का विषय बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह रणनीति उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत को पुनर्जनन देने की कोशिश हो सकती है, लेकिन यह दक्षिण कोरिया और अन्य क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ तनाव बढ़ा सकती है।
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल (2017-2021) में किम जोंग-उन के साथ तीन ऐतिहासिक मुलाकातें की थीं—सिंगापुर (2018), वियतनाम (2019), और डीएमजेड (2019)। इन मुलाकातों में परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा हुई थी, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। अब ट्रंप की नई पहल से वैश्विक समुदाय में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या वह उत्तर कोरिया के साथ कोई बड़ा कूटनीतिक समझौता कर पाएंगे।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग, जो हाल ही में वाशिंगटन में ट्रंप से मिले थे, ने इस मुलाकात को “उच्च जोखिम वाला” बताया। सूत्रों के मुताबिक, ली को ट्रंप की उत्तर कोरिया नीति के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास में कमी की आशंका जताई जा रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप की यह रणनीति उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा हो सकती है, जिसमें वह वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अप्रत्याशित कदम उठाते हैं। हालांकि, यह कदम दक्षिण कोरिया और जापान जैसे सहयोगियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे को लेकर चिंतित हैं।
इस बीच, उत्तर कोरिया ने अभी तक ट्रंप की इस प्रस्तावित मुलाकात पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। किम जोंग-उन के नेतृत्व में उत्तर कोरिया ने हाल के वर्षों में अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को तेज किया है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव बढ़ा है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप की यह नई कूटनीतिक पहल कोरियाई प्रायद्वीप में शांति ला पाएगी या यह एक और अप्रत्याशित राजनयिक दांव साबित होगी।
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