लाड़ली बहनों को ‘नशेड़ी’ बताने वाले बयान पर जीतू पटवारी का पलटवार, ‘माफी नहीं मांगूंगा’

Bhopal/Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक बयान ने प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। पटवारी ने हाल ही में बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं, जिसे बीजेपी ने लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं का अपमान करार दिया है। इस बयान पर मचे बवाल के बीच पटवारी ने साफ कर दिया है कि वह अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे।

पटवारी ने अपने बयान में कहा, “मैंने जो कहा, वह आंकड़ों और हकीकत पर आधारित है। बीजेपी सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश में नशाखोरी बढ़ी है, और इसका असर महिलाओं और युवाओं पर भी पड़ा है। मैंने किसी का अपमान नहीं किया, बल्कि सच्चाई सामने रखी है। माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।”

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को तोड़-मरोड़कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। “लाड़ली बहना योजना के नाम पर वोट तो लिए गए, लेकिन महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। नशे का कारोबार बढ़ रहा है, और सरकार इस पर चुप है,” पटवारी ने आरोप लगाया।

बीजेपी का तीखा पलटवार
पटवारी के बयान पर बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे हरतालिका तीज जैसे पवित्र पर्व पर महिलाओं का अपमान बताया। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो जारी करते हुए सीएम यादव ने कहा, “पटवारी का बयान शर्मनाक है। लाड़ली बहनों को शराबी कहना न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कांग्रेस की मानसिकता महिलाओं के प्रति कितनी निम्न है। उन्हें तत्काल माफी मांगनी चाहिए।”

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी पटवारी के बयान को महिलाओं की प्रतिष्ठा पर हमला करार दिया और कहा, “यह बयान प्रदेश की आधी आबादी का अपमान है। कांग्रेस को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए।”

सोशल मीडिया पर भी छिड़ी जंग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पटवारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कई नेताओं ने लिखा, “एक तरफ बीजेपी लाड़ली बहना योजना के जरिए महिलाओं का सम्मान कर रही है, वहीं जीतू पटवारी उन्हें शराबी कहकर अपमानित कर रहे हैं।” बीजेपी युवा मोर्चा ने भी इसे कांग्रेस की ‘महिला-विरोधी’ सोच का सबूत बताया।

बयान का संदर्भ
जीतू पटवारी ने यह बयान प्रदेश में बढ़ती नशाखोरी, बेरोजगारी और कुपोषण जैसे मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए दिया था। उनका कहना था कि मध्य प्रदेश में ड्रग्स और शराब का कारोबार बेलगाम हो गया है, जिसके लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है। हालांकि, उनके इस बयान को बीजेपी ने लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं से जोड़कर पेश किया, जिससे विवाद और गहरा गया।

लाड़ली बहना योजना पर पहले भी उठाए सवाल
यह पहली बार नहीं है जब पटवारी ने लाड़ली बहना योजना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। इससे पहले भी उन्होंने इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि को अपर्याप्त बताते हुए सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। जनवरी 2025 में 1.63 लाख महिलाओं के नाम योजना से हटाए जाने पर भी पटवारी ने बीजेपी को घेरते हुए कहा था कि सरकार महिलाओं को धोखा दे रही है।

क्या है लाड़ली बहना योजना?
लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत पात्र महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। वर्तमान में इस योजना के तहत 1250 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं, और बीजेपी ने वादा किया था कि इसे बढ़ाकर 3000 रुपये किया जाएगा। हालांकि, इस वादे को पूरा करने में देरी के कारण कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है।

आगे क्या?
पटवारी के इस बयान ने मध्य प्रदेश की सियासत को और गरमा दिया है। बीजेपी ने इसे कांग्रेस की महिला-विरोधी छवि के रूप में पेश करने की रणनीति बनाई है, जबकि कांग्रेस इसे नशाखोरी और सरकार की नाकामी से जोड़ रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और सियासी घमासान होने की संभावना है।

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