हिमाचल और पंजाब में भारी बारिश का कहर जारी, चक्की पुल बहा, NH-3 क्षतिग्रस्त, यातायात ठप

Himachal Pradesh/Punjab Border News: हिमाचल प्रदेश और पंजाब सीमा पर पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। भारी बारिश के कारण पठानकोट में चक्की नदी पर बना पुराना सड़क पुल रविवार को बाढ़ के तेज बहाव में बह गया। यह पुल पंजाब और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग था। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 3 (चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग) भूस्खलन और बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है और कई वाहन फंसे हुए हैं।
चक्की पुल ढहा, रेल और सड़क यातायात प्रभावित
पठानकोट में चक्की नदी के उफान पर होने के कारण पुराना सड़क पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया। हालांकि यह पुल पहले से उपयोग में नहीं था, लेकिन बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने नए चक्की पुल को भी यातायात के लिए बंद कर दिया है। पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक तरफ का यातायात रोक दिया गया है, जबकि जालंधर से आने वाले वाहनों के लिए मार्ग खुला है। इसके अलावा, चक्की नदी के किनारे बने रेलवे पुल की नींव को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे जम्मू-कश्मीर को पंजाब और दिल्ली से जोड़ने वाली रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
मनाली-चंडीगढ़ राजमार्ग पर भूस्खलन, पर्यटक फंसे
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी के बीच भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 3 कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। इस मार्ग पर भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। मंडी पुलिस और हिमाचल प्रशासन ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, और अन्य जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
बाढ़ और नुकसान का व्यापक असर
चक्की नदी और अन्य नदियों में पानी का स्तर बढ़ने से पठानकोट के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उझ और रावी नदियों के उफान पर होने से किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं। मनवाल इलाके में एक मौसमी नाले के किनारे बने मकान के बहने की खबर है, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। प्रशासन ने चक्की नदी के आसपास के गांवों को खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। रणजीत सागर बांध से 6,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नदी का जलस्तर और बढ़ गया है।
प्रशासन का राहत कार्य और अलर्ट
पंजाब और हिमाचल प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया और आश्वासन दिया कि सड़कों को जल्द बहाल किया जाएगा। पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजे का वादा किया है। हिमाचल में मंडी जिला प्रशासन ने बाढ़ संभावित गांवों में निगरानी बढ़ा दी है और एनडीआरएफ को सतर्क कर दिया गया है। लोगों से नदियों और नालों के किनारे न जाने की अपील की गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर, सिरमौर, और मंडी जिलों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है। भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ने के कारण प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
यह भीषण बारिश और बाढ़ ने हिमाचल और पंजाब के लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। प्रशासन और राहत दलों के प्रयासों के बावजूद, प्रकृति की मार ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्थिति पर नजर रखने और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
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