ग्रेटर नोएडा। कलेक्ट्रेट सभागार में किसानों और अधिकारियों के बीच बैठक हुई जिसमें किसान एनटीपीसी को जमीन देेने के लिए तैयार हो गए हैं। मगर उसके लिए उनकी कुछ शर्तें हैं।
बैठक में एडीएम दिवाकर सिंह और एडीएम एलए बलराम सिंह मौजूद रहे। बैठक में किसान चरण सिंह ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमारी जमीन एनटीपीसी ने 1989 में अधिग्रहण की थी। जिसके कागज मेरे पास है। उसमें एनटीपीसी के अधिकारियों ने लिखित दिया था कि जिस किसान की एनटीपीसी में जमीन जाएगी उसे जो भी बढ़ा हुआ मुआवजा होगा वह दिया जाएगा और एक बच्चे को नौकरी दी जाएगी।
इसके अलावा एनटीपीसी के तर्ज पर गांवों का विकास किया जाएगा। अब न तो किसी को नौकरी मिली और ना ही बढ़ा हुआ मुआवजा मिला और न ही विकास हुआ। किसानों ने एडीएम से न्याय दिलाने की मांग की।
इस मामले में जब एडीएम ने एनटीपीसी के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने जवाब में कहा कि बढ़ा मुआवजा तो मिल जाएगा लेकिन नौकरी नहीं मिलेगी। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन अंबावता के तहसील अध्यक्ष राजकुमार रूपबास ने एडीएम से कहा कि ये लोग नौकरी देना ही नहीं चाहते हैं। उन्होंने एनटीपीसी में ठेकेदारी का आरोप लगाया और कहा कि अगर ठेकेदारी बंद हो जाएगी तो जिन किसान की जमीन गई है उनको नौकरी मिल जाएगी।
इस दौरान गांव रूपबास, कैलाशपुर, आमका, खोदना, बढ़पुरा, तिलपता आदि गांव के किसान मौजूद थे।