इंडिया ब्लॉक सांसदों का चुनाव आयोग तक किया मार्च, विपक्ष हिरासत में

India Block MP Dharna News: आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित “वोट चोरी” के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए संसद के मकर द्वार से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च निकाला। इस मार्च का नेतृत्व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने किया, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, डीएमके, आप, लेफ्ट पार्टियां, आरजेडी, एनसीपी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे 25 से अधिक विपक्षी दलों के लगभग 300 सांसद शामिल हुए थे।

हालांकि, यह मार्च ज्यादा दूर तक नहीं बढ़ पाया। दिल्ली पुलिस ने ट्रांसपोर्ट भवन के पास बैरिकेड्स लगाकर सांसदों को रोक दिया और कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत और सागरिका घोष जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) दीपक पुरोहित ने बताया कि इस प्रदर्शन के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी, हालांकि पुलिस को इसकी जानकारी थी।

प्रदर्शन का कारण
इंडिया ब्लॉक का यह मार्च बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया और 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित मतदाता सूची में हेरफेर के खिलाफ था। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया मतदाता सूचियों में हेरफेर कर कुछ वर्गों को वोट देने से वंचित करने का प्रयास है। राहुल गांधी ने इसे “वोट चोरी” करार देते हुए कहा कि यह “एक व्यक्ति, एक वोट” के सिद्धांत पर हमला है। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग मतदाता सूचियों को डिजिटल रूप में सार्वजनिक करे ताकि लोग और राजनीतिक दल इसकी जांच कर सकें।

कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा, “हमें चुनाव आयोग से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। 300 से अधिक सांसद इस मार्च में शामिल हैं, लेकिन पुलिस हमें रोक रही है और कुछ सांसदों को हिरासत में लिया गया है।” इसके अलावा, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जन समर्थन जुटाने के लिए एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है, जिसमें लोग votechori.in/ecdemand वेबसाइट या मिस्ड कॉल के जरिए हिस्सा ले सकते हैं।

कर्नाटक में मतदाता सूची में अनियमितताओं का दावा
राहुल गांधी ने हाल ही में कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर का दावा किया था। उनके अनुसार, इस क्षेत्र में 6.5 लाख मतदाताओं में से एक लाख से अधिक फर्जी थे। उन्होंने 11,965 डुप्लिकेट मतदाता, 40,009 फर्जी या अमान्य पते, और 4,132 अमान्य फोटो वाले मतदाताओं का हवाला दिया। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इन दावों के समर्थन में सबूत मांगे हैं।

सरकार और चुनाव आयोग का रुख
केंद्र सरकार के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर नियमों के तहत चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन SIR एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिस पर संसद में बहस नहीं हो सकती। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग पर आज दोपहर 12 बजे एक मुलाकात का समय दिया था।

आगे की रणनीति
इंडिया ब्लॉक के नेता इस मुद्दे को और तेज करने की योजना बना रहे हैं। आज शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में एक डिनर मीटिंग होगी, जिसमें विपक्षी सांसद कथित मतदाता धोखाधड़ी के खिलाफ एक साझा रणनीति तैयार करेंगे।

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