Greater Noida News: 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के अवसर पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रमुख अस्पतालों के विशेषज्ञों ने मानसून के मौसम में हेपेटाइटिस ए और ई के मामलों में तेजी से वृद्धि पर चिंता जताई है। वहीं हेपेटाइटिस बी और सी के मामले अक्सर लक्षण रहित रहते हैं और लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
फोर्टिस नोएडा के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. निशांत नागपाल ने बताया कि मानसून में दूषित पानी और भोजन के कारण हेपेटाइटिस के मामले बढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस सी लिवर कैंसर और सिरोसिस की बड़ी वजह है, हालांकि अब इसकी 12 हफ्ते की नई दवाएं उपलब्ध हैं। मैश मानस हॉस्पिटल, नोएडा के लैप्रोस्कोपिक जीआई एवं जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आदर्श कुमार चौहान ने कहा कि सेक्टर-79 की एक सोसाइटी में एक ही सप्ताह में 9 मामलों का सामने आना इस संक्रमण की गंभीरता को दशार्ता है। बी और सी टाइप का संक्रमण अक्सर खून व शरीर के तरल पदार्थों से फैलता है और उच्च जोखिम वाले लोगों को नियमित जांच करानी चाहिए।
फोर्टिस ग्रेटर नोएडा में निदेशक, आंतरिक चिकित्सा डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि हर साल 8-10% की दर से हेपेटाइटिस मामलों में वृद्धि देखी जाती है। इसमें हेपेटाइटिस बी के मामले 3-4% होते हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ वर्कर्स, नशे के इंजेक्शन लेने वाले, डायलिसिस पर रहने वाले और बार-बार खून चढ़वाने वाले मरीजों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
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