Jharkhand News: धनबाद में एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है, जहां सरकारी शराब दुकानों से 802 बोतल विदेशी शराब (IMFL) के गायब होने का ठीकरा चूहों पर फोड़ा गया,यह घटना 1 सितंबर से लागू होने वाली झारखंड की नई शराब नीति से पहले स्टॉक ऑडिट के दौरान उजागर हुई। बलियापुर और प्रधानखंता क्षेत्र की शराब दुकानों में स्टॉक मिलान के समय सैकड़ों बोतलें या तो खाली मिलीं या उनके ढक्कन चबाए हुए पाए गए। दुकान संचालकों ने दावा किया कि चूहों ने ढक्कन कुतरकर शराब पी ली, लेकिन अधिकारियों ने इस तर्क को “हास्यास्पद” करार देते हुए भ्रष्टाचार मामला बताया गया है।
उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया। सहायक उत्पाद आयुक्त रामलीला रवानी ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में शराब का गायब होना भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। विभाग ने दुकान संचालकों को नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
यह पहली बार नहीं है जब धनबाद में चूहों को इस तरह के मामले में घसीटा गया है। इससे पहले अप्रैल 2024 में राजगंज थाने में जब्त किए गए 10 किलो भांग और 9 किलो गांजा के गायब होने का दोष भी चूहों पर मढ़ा गया था। उस मामले में कोर्ट ने अधिकारियों को उनकी “बेतुकी” दलील के लिए फटकार लगाई थी।
उत्पाद विभाग का मानना है कि चूहों की कहानी दुकानदारों द्वारा गड़बड़ी छिपाने की कोशिश हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, धनबाद में पहले भी सरकारी शराब दुकानों में नकली शराब बेचे जाने के मामले सामने आ चुके हैं। जून 2025 में मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग की दो दुकानों से 256 बोतल नकली शराब बरामद हुई थी, जिसके बाद पांच सेल्समैनों को जेल भेजा गया था। विभागीय अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ रही है। जांच में पाया गया कि कुछ दुकानों में प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही थी, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा था।
Jharkhand News: सरकारी ठेके पर भ्रष्टाचार का आरोप, चूहों ने गटक ली 800 बोतल शराब?

