बुलंदशहर। दरियापुर में चल रहे आलमी तब्लीगी इज्तेमा में दुआ में शरीक होने के लिए बड़ी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं। इसके चलते दुआ का वक्त 10 बजे से बढ़ाकर 5 बजे कर दिया गया है।
इस समय में पहुंचने वालों की संख्या एक करोड़ से ऊपर पहुंच गई है। कई किलोमीटर तक लोगों का हुजूम दिखाई दे रहा है। सिकंदराबाद में ही बैरिकेटिंग कर वाहनों को रोक दिया गया है ताकि अंदर जाम न लग। बीते रात से लोगों का एकत्र होना यहां शुरू हो गया था।
रात भर यहां भीड़ जमा होती रही इस्तेमा संपन्न होने से पहले दुआ की गई। जिसमें करीब सवा करोड़ लोगों ने देश में शांति और तरक्की के लिए दुआ मांगी। इस स्थिति में विदेशों से भी भारी संख्या में लोग पहुंचे हैं। दुआ के बाद लोग अपने घरों को जाएंगे। इस इज्तेमा में सीखे उपदेशों पर लोग चलने की कोशिश करेंगे।
पानी प्लांट संचालकों की बल्ले-बल्ले
इज्तेमा में पानी भेजने के लिए लोग लाखों पाउच और गिलासों का आर्डर पानी प्लांट संचालकों को दे चुके हैं। शनिवार और रविवार को स्थिति यह हुई कि दिल्ली एनसीआर में पानी के लिए प्लांट संचालक हाथ खड़े करने लगे इस दौरान उनकी कमाई भी काफी हुई है।
दस-दस किमी. पैदल चल आयोजन स्थल पर पहुंचे लोग
दुआ में शामिल होने के लिए पहुंंचे लोगों को दस-दस किलो मीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। यहां भाड़ी भीड़ होने के कारण रोड डायवर्ट के साथ-साथ बैरिकेटिंग की गई है। लोग पर वहीं रुककर दुआओं में शामिल हो रहे हैं। इज्तेमा में दुआओं बड़ा महत्व है।
मिसाल : वजू के लिए खोल दिए मंदिर के दरवाजे
बुलंदशहर में हो रहे आलिमी इज्तेमा में लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। भीड़ के कारण लोग जाम में फंस गए और आयोजन स्थल तक नहीं पहुंच पा रहे थे तो यहां लोगों ने वजूू करने और नमाज के लिए मंदिर के दरवाजे खोल दिए। मंदिर के संचालकों ने कहा कि आप इधर ही रहकर नमाज अता कर सकते हैं। यह एक अच्छी पहल है और हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की गई। वह भी ऐसे वक्त में जब नेता मंदिर मस्जिद कर लोगों के बीच दूरियां बढ़ा रहे हैं, मगर लोग एकता की मिसाल पेश कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।