उत्तर प्रदेश की पीसीएस 2024 प्री परीक्षा 22 दिसंबर यानी रविवार को सम्पन्न हो गई। पारदर्शिता के लिए परीक्षा केंद्रों पर कड़े इंतजाम किए गए। हर अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड पर दो होलोग्राम चिपकाए गए। ताकि कोई भी अभ्यर्थी फर्जी प्रवेश पत्र से परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं ले पाए। आयोग ने सभी केन्द्रों में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए ताकि कक्षाओं में क्या हो रहा है उस पर निगाहें रखी जा सके। इतना ही नहीं एंट्री करते वक्त छात्रों की तीन स्तरों पर चेकिंग की गई। पहले पर पुलिस ने मेटल डिटेक्टर लगातार चेक किया दूसरे स्तर पर सेंटर और अयोग की टीम ने सब कुछ जांचा फिर स्कैन हुई आंखों की पुतली। कोई इसको भेद कर भी अंदर गया तो ओएमआर सीट पर अंगूठा लगवाया गया।
अयोग के स्पष्ट थे निर्देश
आयोग ने हर सेंटर पर स्पष्ट निर्देश दिए थे किसी भी अभ्यर्थी को मुंह ढककर परीक्षा केंद्र में एंट्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। आइरिश स्कैनिंग यानी अभ्यर्थियों की आंखों की पुतलियों का सत्यापन होता रहे। इसके बाद हर अभ्यर्थी के प्रवेश पत्र पर होलोग्राम चिपकाया गया। इससे यह तय होगा कि अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक इंस्पेक्शन किया जा चुका है।
50 फीसदी परीक्षकों की तैनाती वाह्य केंद्रों से
यूपी लोक सेवा आयोग ने पीसीएस परीक्षा केंद्रों पर पहली बार 50 फीसदी परीक्षकों की तैनाती वाह्य केंद्रों से डीएम और डीआईओएस के माध्यम से की गई। वहीं, 50 फीसदी कक्ष निरीक्षक संबंधित परीक्षा केंद्र में नियुक्त शिक्षक रहे। कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा शुरू होने के ढाई घंटे पहले ही केंद्र पर पहुंचे। कक्ष निरीक्षक सुनिश्चित करेंगे कि कोई अभ्यर्थी कॉपी, किताब, पैकेट, मोबाइल फोन या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर एंट्री तो नही करा है।
कक्ष निरीक्षको ने किया
परीक्षा खत्म होने की घंटी बजते ही कक्ष निरीक्षक आंसर शीट की तीनों प्रति लेकर उसकी गिनती की। फिर ओएमआर शीट की तीनों प्रतियों को दिए गए स्थान से अलग किया गया। कक्ष निरीक्षक अभ्यर्थियों को नीले रंग की प्रति वापस की गई। यह प्रक्रिया पूरी होने तक अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष में मौजूद रहे।
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