राहुल गांधी का अमेरिका में बयान, भारत में घमासान
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राहुल गांधी का अमेरिका में बयान, भारत में घमासान

राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार अमेरिका दौरे पर गए,जहां राहुल गांधी ने 2 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। पहले राहुल ने डलास में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की,इसके बाद राहुल गांधी ने सोमवार को यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के छात्रों से भारतीय राजनीति, इकोनॉमी और भारत जोड़ो यात्रा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की। इस दौरान राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला, साथ ही बेरोजगारी और संविधान पर भी बात की।राहुल गांधी ने अमेरिका में भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने की असली वजह भी बताई।राहुल गांधी ने ना सिर्फ ये बताया कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा क्यों की,बल्कि राहुल गांधी ने ये भी बताया कि इस यात्रा के बाद राहुल में क्या बदलाव आया।इस दौरान राहुल गांधी ने कहा बीजेपी महिलाओं को आजादी नहीं देती,बेरोजगारी के आगे सरकार ने सरेंडर किया,बंदरगाह और रक्षा समझौते जैसे प्रमुख काम सिर्फ एक या दो लोगों को दिए जा रहे और संविधान पर हमला किया जा रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।साथ ही राहुल गांधी ने कहा, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान ना देने की वजह से बेरोजगारी का संकट पैदा हुआ।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के वर्जीनिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए हिंदुस्तान में लोकसभा चुनावों की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिया।राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी बहुमत से नीचे है अगर निष्पक्ष चुनाव हुए होते तो बीजेपी सत्ता में नहीं होती। राहुल गांधी ने कहा कि चुनावों से पहले, हम इस बात पर जोर देते रहे कि सभी सरकारी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया हमारे पास निष्पक्ष खेल का मैदान नहीं था। वहीं जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद हिंदुस्तान में बहुत कुछ बदल गया। अब हिंदुस्तान में लोगों को डर नहीं लगता। राहुल गांधी ने कहा कि 56 इंच का सीना और बाकी सब अब इतिहास हो गया है।साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से सहमत नहीं, लेकिन उनसे नफरत भी नहीं।राहुल गांधी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने का अभी सही समय नहीं है लेकिन जातिगत जणगणना जरूरी है।
राहुल गांधी के इसी बयान को लेकर नया घमासान शुरू हो गया है। तमाम दलों के नेता कह रहे हैं कि आरक्षण को लेकर कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हो गया। राहुल के इस बयान पर सबसे पहले बीएसपी चीफ मायावती की प्रतिक्रिया आई। मायावती ने कांग्रेस और राहुल गांधी से सावधान रहने की सलाह दी।मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें। जिसमें उन्होंने विदेश में ये कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे साफ है कि कांग्रेस सालों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है’इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ।कांग्रेस चाहती है कि बाबा साहब के आरक्षण को खत्म कर दिया जाए और ये उनकी प्राथमिकताओं में रहा है।

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राहुल गांधी ने अमेरिका में हिंदुस्तान के मुद्दों पर चर्चा की मुद्दें अलग अलग है लेकिन उनका टारगेट एक रहा सरकार की आलोचना।
राहुल गांधी ने आरएसएस हमला करते हुए कहा कि आरएसएस मानता है कि भारत एक विचार है, हम मानते हैं कि भारत विचारों की विविधता वाला देश है।राहुल ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत, अमेरिका और पश्चिम के दूसरे देश बेरोजगारी की समस्या का सामना कर रहे हैं, जबकि चीन ऐसा नहीं कर रहा है। राहुल के इतना कहते ही देश की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई।भारतीय जनता पार्टी ने राहुल पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगा दिया।बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ लोगों को पढ़ने लिखने की आदत कम है, राहुल अपने सरकार के आंकड़े देख लें और एनडीए के वक्त के आंकड़ों को देखें, सब साफ हो जाएगा।इसके साथ ही सिखों को लेकर राहुल ने बयान दिया,अपनी बात को साबित करने के लिए राहुल गांधी ने जो उदाहरण दिया अब उसे लेकर हिंदुस्तान में बवाल मच गया। राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया कि हिंदुस्तान में बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हो गई।राहुल गांधी विपक्ष के नेता है लिहाजा उनके बयानों पर सत्ता पक्ष का सवाल उठाना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार राहुल गांधी ने सिखों का उदाहरण देकर एक बार फिर खुद ही बोतल से जिन्न को निकाल दिया है।चीन और सनातन धर्म पर दिए बयान को लेकर बीजेपी कांग्रेस को घेर ही रही थी।सिख पर दिए बयान के बाद बीजेपी ने राहुल पर हमला और तेज कर दिया।दरअसल, राहुल गांधी पिछले कुछ महीनों से रैलियों से लेकर संसद तक अपने भाषण को जिसपर फोकस करते हैं। उसमें आरएसएस की विचारधारा, सविधान को खतरा, युवाओं में बेरोजगारी, जाति जनगणना और समाज में नफरत। और आज-कल राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष बनने के बाद धार्मिक मुद्दों पर भी बोलना शुरू किया है। यही वो सारे मुद्दे है जिसपर राहुल गांधी बार बार गरजते हैं। राहुल ने इस दौरे के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में अपने संबोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों और भविष्य की योजनाओं पर भी खुलकर बात की। राहुल ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनकी भूमिका भारतीय राजनीति में प्यार, सम्मान और विनम्रता को बढ़ाने का है।राहुल ने कहा कि उन्हें लगता है कि ये प्यार मौजूदा वक्त में भारतीय राजनीति से गायब है।अब देखने वाली बात होगी कि भारत आने पर राहुल सियासी गलियारे में अपने बयानों पर उठे सवालों का क्या जवाब देते हैं।

सरफराज सैफी
एंकर/वरिष्ठ पत्रकार

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