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सीडवॉल से वन विभाग द्वारा कराया जा रहा पौधारोपण
firozabad news जनपद के बीहड़ इलाके मे वृक्षारोपण हेतु वन विभाग ने एक अनूठी पहल शुरू की है। यमुना नदी के तटीय क्षेत्र मे आने जाने का कोई सुगम रास्ता नही है। नदी की विशाल जल धाराओं के मिट्टी कटान से ऊँचे पहाड़ और गहरी खादरें बन गई है। इन दुर्गम इलाकों मे पैदल पहुंचकर वृक्षारोपण करना असंभव सा है। वन विभाग ने यहाँ वृक्ष उगाने के लिए लाखों सीड़ वॉल फैंकी है। यमुना नदी किनारे हजारों हैक्टेयर का बीहड़ इलाका बर्षा ऋतु मे मिट्टी कटान से जूझता है। अगर इस क्षेत्र मे पर्याप्त संख्या मे वृक्ष हो, तो नदी की जल धाराओं से भू-क्षरण की समस्या को कम किया जा सकता है । लेकिन आवागमन के रास्ते न होने के कारण वृक्षारोपण संभव नही है । इसके लिए फ़िरोजाबाद वन विभाग ने सीड़ वॉल फैंक कर वृक्षों के बीज अंकुरण का निर्णय लिया है ।
सीड़ वॉल तकनीक मे एक भाग सड़ा गोबर की खाद मे तीन भाग स्थानीय मिट्टी मिला कर पानी से गीला कर लिया जाता है। फिर स्थानीय प्रजाति के चार-पाँच बीजों को इस मिश्रण मे डाल कर गोले बना लिये जाते है। ये सीड वॉल सूखने पर सख्त हो जाते है । जब इन्हें जमीन पर फैंक दिया जाय तो बारिस के मौसम में नम होकर अंदर रखे बीज अंकुरित होकर पौधे का रुप ले लेते है।
जनसामान्य और स्कूली बच्चो को प्रोत्साहित कर इनको फैंका गया –
प्रभारी निदेशक, सामाजिक वानिकी विकास नायक के अनुसार वन विभाग ने इस वर्ष 6 लाख सीड वॉल तैयार कराये थे। इन सीड़ वॉल को जंगली बीहड़ मे प्रसारित कराने के लिए जनसामान्य और स्कूली बच्चो को प्रोत्साहित कर फैंके जा रहे है। इस उम्मीद के साथ कि ये सीड वॉल आगामी समय मे बड़े वृक्षों का रुप धारण कर पूरे बीहड़ इलाके को हरा भरा कर पर्यावरण सुधारने मे मदद करेगे।