UP News: कानपुर। फतेहपुर से बीमार पिता को लेकर उनका पुत्र मंगलवार को एलएलआर अस्पताल की ओपीडी में दिखाने आया था। हाथ पैरों से लाचार मरीज को न तो वार्ड बॉय ने हाथ लगाना उचित समझा, न ही उसे स्ट्रेचर उपलब्ध कराया। इसके चलते एक बेटा अपने 70 साल के पिता को गोद में लेकर जांच के लिए इधर-उधर भागता रहा। पूरा मामला तब हुआ, जब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा खुद मेडिकल कॉलेज में मौजूद थे।मरीज को देखने के बाद डॉक्टरों ने उसे जांच के लिए भेज दिया। मरीज की हालत काफी खराब होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की तरफ से लापरवाही बरती गई। प्रमुख सचिव के आने की खबर मिलते ही पूरा अस्पताल प्रशासन अलर्ट मोड पर कर दिया गया था। हालांकि, इसी बीच बिना देरी किए प्राचार्य प्रो. संजय काला ने मरीज की मदद के लिए कर्मचारियों को बुलाया और मरीज के बेटे से स्ट्रेचर पर नहीं लाने का कारण पूछा। यह सब वाकया प्रमुख सचिव के सामने चलता रहा। इसके बाद प्रमुख सचिव बैठक के लिए प्राचार्य कक्ष की ओर बढ़ गए।
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मरीज की हालत काफी खराब होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की तरफ से लापरवाही बरती गई। प्रमुख सचिव के आने की खबर मिलते ही पूरा अस्पताल प्रशासन अलर्ट मोड पर कर दिया गया था। इसके बावजूद हैलट के डॉक्टरों ने लापरवाही दिखाई। डॉक्टर ने मरीज को देखा। तुरंत जांच के लिए लिख दिया। इसके अलावा न तो मरीज को उठाने के लिए वहां कोई वार्ड बॉय आया न ही मरीज के लिए किसी ने स्ट्रेचर उपलब्ध कराना उचित समझा। काफी देर तक स्ट्रेचर की तलाश करने के बाद भी जब तिमारदारों को स्ट्रेचर नहीं मिला तो बेटे ने अपने 70 वर्षीय पिता को गोद में उठाया और भीषण गर्मी, तेज धूप का सामना करते हुए करीब 250 से 300 मीटर का सफर तय करते हुए कानपुर मेडिकल कॉलेज पहुंच गया। शुक्लागंज निवासी श्याम सुंदर (70) के घुटने में काफी दर्द था। बेटे अरविंद ने बताया कि पिता को एक माह पूर्व घर के पास से ही एक डॉक्टर से दवा दिलवाई थी। इसके बाद से उनकी तबियत बिगड़ गई। धीरे-धीरे हालत खराब होती चल गई। पिछले 15 दिनों से पिता ने खाना पीना भी छोड़ दिया था। हाथ-पैर भी काम नहीं कर रहे है। मंगलवार सुबह पिता को लेकर डॉ. हरेंद्र कुमार की ओपीडी में दिखाने के लिए आए थे। पिता काफी गंभीर स्थिति में थे, इसके बाद भी उन्हें घंटों लाइन में लगाया गया। इसके बाद उन्हें देखा गया।
डॉक्टर ने देखने के बाद एचआईवी जांच कराने को कहा था। इसके बाद पिता को गोद में लेकर जांच के लिए इधर-उधर पूछते-पूछते मेडिकल कॉलेज तक पहुंचे। यहां पर जांच लैब के पास ही पार्थ सारथी सेन शर्मा भी मौजूद थे।
क्या बोला मरीज का बेटा?
मरीज के बेटे अरविंद ने बताया कि पिता श्याम सुंदर कई दिन से उर्सला अस्पताल में भर्ती थे। जहां से उन्हें वे एलएलआर अस्पताल की ओपीडी में दिखाने के लिए पहुंचे। वहां पर चिकित्सक ने जांच के लिए माइक्रोबायोलाजी विभाग भेजा। बेटे ने कहा कि ओपीडी में काफी देर इंतजार करने के बाद कोई वार्ड ब्वाय और स्ट्रेचर नहीं मिला। मजबूरन पिता को गोद में उठाकर जांच के लिए भागना पड़ा।
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