दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने आज आम आदमी पार्टी के नेताओं के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। मुख्यमंत्री केजरीवाल पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार औस राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के आवास पर छापा मारा है। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के यहां छापा मारा है। ईडी की टीम ने 10 से ज्यादा ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। यह छापेमारी दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार मामले में हुई है। सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार के यहां छापेमारी हुई है। शलभ कुमार जो जल बोर्ड के पूर्व सदस्य रहे हैं। उनके यहां भी छापा मारा है। रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही है।
बता दें कि दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार डीजेबी के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल की ईडी हिरासत अगले पांच दिनों के लिए बढ़ा दी गई। मामले की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में हुई।
जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को दिल्ली जल बोर्ड को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया। उन्हें 5 दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद पेश किया गया था। ईडी ने दोनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने दोनों की पांच दिनों के लिए रिमांड बढ़ा दी।
जल बोर्ड पर भाजपा के गंभीर आरोप
बीते साल 18 नवंबर 2023 को केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कान्फ्रेस में दिल्ली जल बोर्ड में 3,237 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया था। उन्होंने जल बोर्ड के बैंक खातों की स्टेटमेंट व वित्तीय रिपोर्ट का जिक्र भी किया था और कहा था कि वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच बोर्ड के वित्तीय खर्च के बारे में कई जानकारियां छिपाई गईं हैं। वर्ष 2017-18 के बाद से बोर्ड के खातों की डिटेल डिक्लरेशन भी सही ढंग से नहीं की गई। बोर्ड में इसी तरह के कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं हैं।
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उन्होंने बताया था कि बोर्ड ने अपने 450 से अधिक बैंक खातों में से लगभग 110 को बैलेंस शीट में दिखाया ही नहीं है। इनमें 77 खातों में लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशि पड़ी हुई है। कई खातों के आगे शून्य दिखाया गया है जबकि उनमें करोड़ों रुपये पड़े हैं। बोर्ड के हिसाब-किताब में लगभग 300 करोड़ रुपये के लेन-देन की जानकारी ही नहीं है। बोर्ड की 2018 की वित्तीय रिपोर्ट में 1,167 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब ही नहीं है। मालूम हो कि केजरीवाल को अब तक ईडी 5 नोटिस दे चुकी है। मगर उन तक नही पहुंच पाई है।