4 वर्ष, 250 से अधिक फर्जी कंपनियां और कई सौ करोड़ का गबन, ये है जीएसटी की कमजोरी
नोएडा। एक वक्त था जब व्यापारियों में जीएसटी की मांग की जा रही थी। लेकिन अब बदमाश इसका फायदा उठा रहे है। इस बार नोएडा पुलिस ने 250 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर कई सौ करोड़ से ज्यादा के जीएसटी गबन का पर्दाफाश किया है। मामले में दिल्ली निवासी पीयूष गुप्ता, राकेश शर्मा, दिलीप और राहुल निगम को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपी 4 वर्षों से फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी ई-वे बिल के जरिये जीएसटी रिफंड लेकर कर चोरी कर रहे थे। गिरोह का सरगना निशांत अग्रवाल फरार है। पुलिस ने आरोपियों के 8 बैंक खातों में जमा तीन करोड़ रुपये फ्रीज करा दिए हैं। पुलिस जांच में प्रतिदिन करीब 80 लाख रुपये के राजस्व की चोरी की बात सामने आई है।
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खास बात ये कि कुछ माह पहले भी नोएडा पुलिस ने 15 हजार करोड़ के जीएसटी फर्जीवाड़े का खुलासा कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया था। बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए गए चारों जालसाज पुराने गिरोह के डेटा का इस्तेमाल कर ठगी कर रहे थे। थाना सेक्टर-20 पुलिस और आईटी सेल की टीम पहले पकड़े गए जीएसटी फ्रॉड के आरोपियों की जांच कर रही है। जांच में पुलिस को कुछ और लोगों के जीएसटी फ्रॉड करने का इनपुट क्रेडिट मिला था। सूचना के आधार पर एसीपी रजनीश वर्मा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने मामले की जांच कर दिल्ली से पीयूष गुप्ता, राकेश शर्मा, दिलीप व राहुल निगम को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला है कि सरगना निशांत के इशारे पर ही चारों आरोपी चार वर्षों से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक चार वर्षों में गिरोह ने हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया है।
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अलग शहरों में रहने वालों के पैन नंबर का इस्तेमाल
इनके के पास से फर्जी कंपनियों की सूची मिली है। इनमें से ज्यादातर कंपनियां लोहे का सामान, प्लास्टिक उत्पाद, स्क्रैप, कपड़े और खिलौने का सामान बनाने के नाम पर पंजीकृत कराई गईं थीं। आरोपियों ने देश के अलग-अलग हिस्से में रहने वाले लोगों के पैन नंबर का फर्जी इस्तेमाल कर कंपनियां पंजीकृत कराईं थीं। नोएडा डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियों का कारोबार थाईलैंड, सिंगापुर, ताइवान, फिलिपिंस, वियतनाम से भी दिखाया था। फर्जी कंपनियों से आयात-निर्यात दिखाकर फर्जीवाड़ा किए जाने की बात सामने आई है।
भनक मिलते ही सरगना मुंबई भागा
इस गिरोह का सरगना निशांत अग्रवाल को जैसे ही पकड़े जाने की भनक लग गई थी। पकड़ा जाए इससे पहले ही मुंबई भाग गया और वहीं शिफ्ट हो गया था। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि निशांत मुंबई से गिरोह चला रहा था। वह गिरोह के आरोपियों को फर्जी फर्मों का डेटा उपलब्ध कराता था। जबकि इन फर्म से जुड़े सभी बैंक खाते का एक्सेस अपने पास रखता था। पुलिस की टीम सरगना की तलाश में जुटी है।