शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में विद्युत अधोसंरचना को बड़े पैमाने पर मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से 493 करोड़ रुपये की महत्वकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण सैन्य और अर्द्धसैनिक प्रतिष्ठानों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की एक सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित होगी। साथ ही इससे किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग भी लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विद्युत अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा दो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई हैं। इनमें से 486.47 करोड़ रुपये की पहली डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इसमें सुमदो और काजा में दो 66/22 केवी क्षमता और 2×6.3 एमवीए सब स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पूह से काजा तक 130 किलोमीटर लम्बी 66 केवी लाइन स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन कार्यों के पूरा होने के बाद पूह से काजा तक सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले आम लोगों के साथ-साथ सीमा क्षेत्रों में सेना, सीमा सड़क संगठन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस चौकियों को भी गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसके अतिरिक्त, 13 सीमा चौकियों पर संबंधित 22 केवी लाइन के साथ 13 वितरण ट्रांसफार्मर (डीटीआर) स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 6.49 करोड़ रुपये की एक अन्य डीपीआर के तहत 32 गांवों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। इससे किन्नौर जिले के 12 गांव और लाहौल-स्पीति जिले के स्पीति ब्लॉक के 20 गांव लाभान्वित होंगे। इस योजना में 25 नए वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के साथ-साथ 3 मौजूदा वितरण ट्रांसफार्मर तथा 22 केवी लाइन और एलटी लाइन का संवर्द्धन शामिल है।
इस योजना से लाभान्वित होने वाले गांवों में किन्नौर जिले के थंकारामा, सुन्नी (लियो), थंकरमा (कुंगधा), चांगो, बटसेरी (चिस्पान), छितकुल, चुलिंग (ताशजोंग), चारंग (रंगरिक), चांगो उपेरला, लाब्रांग, हंगमत और रकछम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त लाहौल-स्पीति जिले में धारछोछोड़ुन, धारसुमदो, गिपू, हिक्किम, हुल, हर्लिंग, कौरिक, कजाखास, काजा सोमा, की, किब्बर खास, कोमिक, क्यामो, लालुंग खास, लारा खास, लिदांग, लिरिट, रामा खास, समदो और शेगो गांव शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की इस योजना से सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और सस्ती विद्युत आपूर्ति की सुविधा मिलेगी।