सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालना था हमारा मकसद
केंद्रीय राज्यमंत्री व सांसद जनरल डॉ. वीके सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में किया संवाद, कहा
Ghaziabad news : उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना ही सिर्फ मकसद था। श्रमिकों को टनल से बाहर निकालने में सेना से लेकर उत्तराखंड सरकार और जवानों ने बेहतर काम किया। यह बातें प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरूवार को केंद्रीय राज्यमंत्री एवं स्थानीय सांसद जनरल डॉ. वीके सिंह ने बताई।
टनल में फंसे श्रमिकों के संकटमोचक बन पहली बार गाजियाबाद आए केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह का गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया। उन्होंने पूरे आॅपरेशन की एक-एक करके जानकारी दी। केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह को अपने आवास सेक्टर-2/27 राजनगर पर साढ़े 12 बजे बजे पहुंचना था। मगर पहले ही वीके सिंह के सैंकड़ों प्रशंसक घंटों पहले ही उनके आवास पर जुटने शुरू हो गए। हर कोई सांसद को उत्तराखंड में हुए टनल आॅपरेशन की बधाई देने के लिए लालायित दिखाई दिया। सांसद सिंह लगभग आधा घंटा देरी से पहुंचे।
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की महानगर अध्यक्ष पूनम कौशिक ने अपनी पूरी टीम के साथ सबसे पहले उनका तिलक लगा कर स्वागत किया।
जनरल वी के सिंह ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए किए गए सभी प्रयासों और उनमें आई रुकावटों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ों को युवा पहाड़ कहा जाता है और यहां कार्य करना बेहद चुनौतियों भरा है। पहले मलबे को निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन जितना मलबा गाड़ियों से निकाला जाता था उससे अधिक मलबा और गिर जाता था। फिर आॅगर मशीन का सहारा लेने की योजना बनी। शुरू में इससे फायदा भी हुआ पर मलबे के साथ ही टनल में लोहा होने के कारण आॅगर मशीन से भी सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद से ही बचाव कार्य में लगी हर एंजेंसी व कर्मी का एक ही लक्ष्य था कि सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। वह हुआ भी, कई बार मुश्किलें आई लेकिन बचाव कर्मियों ने हौंसला हारा नहीं। टनल में फंसे श्रमिकों की हिम्मत कम हुई। देश का शायद यह पहला अभियान था जो इतना बड़े स्तर किया गया और सफल भी हुआ। अंदर फंसे श्रमिकों के लिए उन्हें जरूरत का हर सामान छोटे पाइप से भिजवाया गया।
बचाव कार्य में जुटे श्रमिकों का हौसला बढ़ाते रहे अंदर फं से श्रमिक
उन्होंने कहा कि नेलकट से लेकर पानी गर्म की रॉड,कंबल,कपड़े,खेल का सामान तक भी भिजवाया गया। बचाव कार्यो में जुटे श्रमिकों का हौंसला भी अंदर फंसे श्रमिक बढ़ाते रहे कि वह ठीक स्थिति में हैं ऐसे में वह लोग अपना काम करते रहें।
वीके सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान पूरे आॅपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। वह लगातार इसकी जानकारी लेते रहे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी भी आॅपरेशन में पूरे समय मौजूद रहे। देश-विदेश के विशेषज्ञ मौके पर मौजूद रहे। जब आॅगर मशीन फंस गई तो फिर वर्टिकल ड्रिलिंग और मैग्नीशियम मशीन के जरिए ड्रिल की बात हुई लेकिन मैग्नीशियम मशीन का तापमान आठ हजार के करीब का होता है जिससे पाइप पिघलने का खतरा बना हुआ था। ऐसे में जब 12 मीटर की खुदाई का काम रेट माइनर्स के विशेषज्ञों के जरिए कराया गया और उन्होंने उम्मीद से अधिक बढ़कर न सिर्फ खुदाई का काम किया । बल्कि अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वीके सिंह ने कहा कि एक ओर जहां एक से बढ़कर एक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा था दूसरी ओर सभी की आस्था ईश्वर पर बनी हुई थी। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता में सिर्फ बचाव कर्मी ही नहीं पूरे देश की प्रार्थनाओं का असर भी था।
उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए अब टनलों को लेकर समीक्षा की जाएगी।
इस दौरान जगदीश साधना,संजीव गुप्ता, हिमांशु लव,अश्वनी शर्मा,कुलदीप सिंह आदि मौजूद रहे।