Pollution In NCR: दिल्ली, नोएडा ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद व एनसीआर में वायु प्रदूषण और पराली जलाने के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है और पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि दिल्ली में हर वर्ष ये नहीं हो सकता। सब कुछ पेपर पर ही चल रहा है। जस्टिस संजय किशन कौल ने कि उन्होंने खुद देखा है कि पंजाब में सड़क के दोनों तरफ पराली जलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए राज्यों के द्वारा राजनीति नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को प्रदूषण को कम करने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। पब्लिक को स्वस्थ हवा में सांस लेने का हक है और स्वस्थ हवा प्रदान करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। पंजाब की आप सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। राजनैतिक ब्लेम गेम को रोकें। ये लोगों की हेल्थ का मर्डर के समान है। आप इस मामले को दूसरों पर नहीं थोप सकते। आप पराली जलाने को क्यों नहीं रोक पाते।दरअसल, पंजाब सरकार के वकील ने कहा था कि पंजाब में 40 प्रतिशत पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है. हम कदम उठा रहे हैं। इसके बाद जस्टिस एस के कौल ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। केंद्र और राज्य में कौन सत्ता में है, इसके आधार पर लोगों पर बोझ डाला जा रहा है। आप देख रहे हैं कि छोटे बच्चे किन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो हवा में जहर ही जहर है।