Azam Khan Case: एक साल बाद फिर सीतापुर जेल पहुंचे आजम
Azam Khan Case: सीतापुर। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को एक साल 4 महीने और 22 दिन बाद आज सुबह सीतापुर जेल भेजा गया है। सुबह जब रामपुर जेल में आजम को सीतापुर जेल ले जाने के लिए उठाकर बाहर लाया गया तो उन्होंने कहा कि हमारा एनकाउंटर हो जाएगा। वहीं आजम के सीतापुर जेल में आने के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आजम को किसी से बात करने की अनुमति नहीं दी गई है।
Azam Khan Case:
भारी सुरक्षा के बीच आजम खान को गाड़ी में बिठाया गया. बीच में बैठने से उन्होंने इंकार कर दिया. आजम खान ने कहा कि बीमार आदमी हैं. कमर बीच में बैठने की इजाजत नहीं देती. उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से उम्र का लिहाज करने की अपील की. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को भी शिफ्ट किया जा रहा है. उनके काफिले में अलग-अलग गाड़ियां साथ चलीं.
बेटे के साथ जेल से निकले आजम खान
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को हरदोई जिला जेल में शिफ्ट किया गया है जबकि आजम खान को सीतापुर जिला जेल में शिफ्ट किया गया. आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को अभी रामपुर जेल में रखा गया है. अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम परिवार को 7-7 साल की सजा रामपुर की अदालत ने सुनाई थी.
पत्नी और बेटा भी सीतापुर जेल में निरुद्ध रह चुके
आजम की पत्नी तंजीन फातिमा और बेट अब्दुल्ला आजम भी सीतापुर जेल में रह चुके हैं। सुरक्षा कारणों के चलते आजम को उनकी पत्नी और बेटा के साथ 27 फरवरी 2020 को रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया था। सीतापुर जेल में रहने के दौरान आजम कोरोना संक्रमित भी हो गए थे।
नहीं पहुंचा कोई सपा कार्यकर्ता
आजम खां के सीतापुर आने की चर्चा होने के बावजूद कोई भी सपा नेता और कार्यकर्ता जेल गेट पर नहीं पहुंचा। सामन्य कैदियों की तरह आजम खां सीधे जेल के अंदर चले गए। सपाइयों के न पहुंचना लोगों के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। इसके राजनीतिक निहतार्थ भी निकाले जा रहे हैं।
जेल अधीक्षक एसके सिंह ने बताया कि आजम खां को सामान्य कैदियों की तरह विशेष सुरक्षा बैरक में रखा गया है। इस बैरक में उनके साथ तीन कैदी और रहेंगे। मानकों के मुताबिक सुरक्षा की व्यवस्था है।
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