Navratri : माटी थीम से  कराएंगे  प्रकृति पूजा व सांस्कृतिक परंपरा और रीति रिवाजों से रूबरू: शुभेंदु
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Navratri : माटी थीम से कराएंगे प्रकृति पूजा व सांस्कृतिक परंपरा और रीति रिवाजों से रूबरू: शुभेंदु

Navratri : गाजियाबाद। इंदिरापुरम स्थित शिप्रा सन सिटी के सेंट्रल पार्क में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी बोंगोतोरु अपना ऐतहासिक तेइसवां शरोद उत्सव मना रही हैं।

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बोंगोतोरु के अध्यक्ष शुभेंदु मजूमदार ने अमिताभ मजूमदार ,सुब्रतो रॉय , उपाध्यक्ष सुरजीत दे ,बासु भट्टाचार्य ,देवाशीष दत्ता विश्वजीत राउत,जयदीप चौधरी, प्रत्युषा गोस्वामी, डॉ अरुणिमा, चेयरमेन प्रोवस घोस की मौजूदगी में पत्रकार वार्ता कर बताया कि 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक चलने वाले दुर्गा पूजन में माटी थीम के जरिए, अपने मंडप और मूर्ति के माध्यम से हम अपने त्योहारों, अनुष्ठानों और माटी की दिव्यता और मातृगर्भो में इसकी वापसी अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास हैं। कहा इस विस्तृत अस्थायी पंडाल को बंगाल के 19 कारीगर केवल 21 दिनों में पूरा किया हैं। कच्चा माल पश्चिम बंगाल के बीरभूम, पुरुलिया और हुगली जिले से प्राप्त किया गया है। सजावट के लिए उपयोग किए गए वस्तुओं में बांस का काम, मिट्टी के खिलौने और हैंडलूम शामिल हैं ,जो थीम को बहुत सूक्ष्म तरीके से व्यक्त करते हैं।

ये सजावट समृद्ध और जीवंत शिल्प कौशल को उजागर करती हैं जो औद्योगिक प्रगति के कारण अपनी महिमा खो रही हैं। बोंगो तोरु उन्हें एक बड़े मंच पर ला रहा है जहां हमारी अगली पीढ़ी और समुदाय इन उत्कृष्ट कृतियों का अनुभव कर सकते हैं। जो कभी हमारे पैतृक घरों की शोभा बढ़ाते थे। उन्होंने बताया कि माँ दुर्गा की मूर्ति के पोशाक और सजावट सादगी का प्रतीक है। यहां मां दुर्गा के नौ रूपों या अभिव्यक्तियों को दशार्या गया है। नव दुर्गा शक्ति, ताकत, सुरक्षा, ज्ञान, धन समृद्धि और मोक्ष का प्रतीक हैं। इस माध्यम से बंगाल की कला सांस्कृतिक विरासत,परंपराओं से जोड़ने प्रयास हैं।

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