UP रोडवेज में हुआ नया बदलाव, रात में 25 व दिन में 35 यात्री होने पर ही रवाना होंगी बसें
Public Transport: लखनऊ। रात में रोडवेज की कोई भी बस 25 यात्रियों से कम होने पर न चले। दिन में 35 यात्री होने पर ही बसों का संचालन कराया जाए। इस नियम से आनलाइन सेवा व मार्ग की अंतिम बस को छूट रहेगी। परिवहन निगम को 29 सितंबर से शुरू हो रहे श्राद्ध पक्ष और आगे नवरात्र में यात्री कम मिलने के आसार हैं। इसीलिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है कि इस दौरान यात्रियों की सुविधा को देखते हुए बसों का संचालन किया जाए। परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लीन सीजन में निगम की बसों का संचालन बेहतर करें, ताकि किसी को परेशानी न हो, बसों के लोड फैक्टर व संचालन आय कैसे बढ़े उसे अपनाया जाय।
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परिवहन मंत्री ने कहा है कि सितंबर माह में यात्रियों की संख्या में कमी होती है। सितंबर माह के अंत में श्राद्ध पक्ष और उसके बाद नवरात्रि शुरू होते हैं। इस दौरान यात्रियों में कमी देखी जाती है। ऐसे में लोड फैक्टर का ध्यान रखा जाए। रोडवेज को प्रतिदिन 20 करोड़ रुपए जुटाने का आदेश दिया गया है। वर्तमान समय में रोडवेज इससे काफी पीछे है। इसे ध्यान में रखते हुए 55% से कम लोड होने पर रात के समय दौड़ने वाली बसों का संचालन नही किया जाएगा।
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11 हजार बसों में रोज 17 लाख करते सफर
आदेश में यह भी कहा गया कि यात्रियों के कम होने पर उन्हें दूसरी बसों में ट्रांसफर किया जाए। इसके अलावा ग्रामीण रूटों पर चलने वाले बसों का समय तय किया जाएगा। शाम 7 बजे तक किसी भी तरह बस को अपने गंतव्य तक पहुंचना होगा। सुबह 7 बजे तक किसी तरह बसें दौड़ानी होंगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में रोज करीब 11 हजार बसें दौड़ती हैं, जिनमें 17 लाख लोग रोज सफर करते हैं। औसतन 17 करोड़ रुपए प्रतिदिन आय होती है। परिवहन मंत्री ने 20 करोड़ प्रतिदिन आय का लक्ष्य तय किया है। वहीं घाटा कम करना भी चुनौती है, इसलिए यह नया नियम बनाया गया है।
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ग्रामीण मार्गों पर संचालित बसों की समय सारिणी ऐसी बनाएं कि ग्रामीण सेवा अपने गंतव्य स्थल तक शाम सात बजे तक पहुंच जाय और सुबह सात बजे से पहले संचालन न हो। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर बस में 25 यात्री से कम न हो, अधिकारी इसका निरीक्षण करें। संबंधित बस को निरस्त करके यात्रियों को दूसरी बस में शिफ्ट कराएं। स्थानीय बस स्टेशन से सेवा शुरू करने वाली बस को पीछे से आने वाली बस के सापेक्ष ही निरस्त किया जाए, जिससे किसी भी यात्री को यात्रा पूरी करने में व्यवधान व असुविधा का सामना न करना पड़े। आवागमन बाधित न हो। बसों का नियमित व समयबद्ध संचालन हर स्तर पर किया जाए।
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