New Delhi: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) से होने वाली इनकम को फिर से शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है। इसके लिए EPFO ने वित्त मंत्रालय के साथ बातचीत हुई। EPFO ने मार्केट की अस्थिरता का लाभ उठाते हुए रिटर्न बढ़ाने के लिए यह सुझाव दिया है। वर्तमान में EPFO अपनी इनकम का 5-15% तक का पैसा ETF के जरिए शेयर बाजार में निवेश कर सकता है। इससे पहले मार्च के अंतिम हफ्ते में हुई मीटिंग के दौरान सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने EPFO के इस कदम को मंजूरी दी थी।
क्या-क्या बदलाव चाहता है EPFO
EPFO एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड से डेली यूनिट्स रिडीम करने की अनुमति चाहता है, जिससे जरूरत होने पर वह कभी शेयर बाजार से पैसा निकाल सके। अभी निश्चित पीरियड के बाद ही पैसा निकालने की अनुमति है।
अभी ETF के रिटर्न को सेंसेक्स के औसत 4 साल के रिटर्न के मुकाबले बेंचमार्क किया जाता है, लेकिन संगठन ने इस अवधि को 5 साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। ETF का उद्देश्य निवेशकों को कम लागत में मल्टीपल प्रॉपर्टी में निवेश करने का ऑप्शन देना है। एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक म्यूचुअल फंड की तरह है, लेकिन म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है।
अगस्त 2015 से ETF में निवेश कर रहा EPFO
EPFO अगस्त 2015 से ETF में निवेश कर रहा है। संगठन वर्तमान में करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए शेयर मार्केट में निवेश किया है।
ETF क्या होता है?
एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अलग-अलग सिक्योरिटीज का एक बंडल होता है, जिसमें स्टॉक्स, बॉन्ड, करेंसी, इंडेक्स, सेक्टर और कोमोडिटीज सहित अन्य निवेश के ऑप्शन शामिल होते हैं।