सुप्रीम कोर्ट: M3M में निवेश करने वाले ले सकते है राहत की सांस , जानें क्यो और कैसे
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से एम3एम के निदेशकों बसंत बंसल और पंकज बंसल की याचिका पर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने सरकार और ईडी से तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। बसंत और पंकज ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत पर रिहा करने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है। उच्च न्यायालय के 20 जुलाई को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन्हें एक पूर्व न्यायधीश के रिश्वत मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।
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इससे पहले अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामलों के पूर्व विशेष न्यायाधीश सुधीर परमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उनके भतीजे रूप कुमार बंसल एम3एम ग्रुप के तीसरे निदेशक थे।
एफआईआर के अनुसार ईडी ने कहा कि परमार ने आरोपी रूप कुमार बंसल, बसंत बंसल और रियल एस्टेट फर्म आईआरईओ के मालिक ललित गोयल के खिलाफ उनकी अदालत में लंबित ईडी और सीबीआई मामलों में पक्षपात दिखाया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा केस दर्ज करने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने परमार को निलंबित कर दिया था।