बिपरजॉय चक्रवात का असर, राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
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बिपरजॉय चक्रवात का असर, राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात

गुजरात के बाद अब राजस्थान में बिपरजॉय चक्रवात से हाल बेहाल है। 100 साल में पहली बार मानसून से पहले बाढ़ जैसे हालात हैं। चार दिन में बिपरजॉय चक्रवात से कई क्षेत्रों में इतना पानी बरसा कि मानसून सीजन का कोटा पूरा हो गया। बाड़मेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। बीते 24 घंटे में पाली के मुठाना में 530 मिमी यानी 21.3 इंच बारिश हो चुकी है।

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बताया जा रहा है कि पाली में भी 12 इंच बारिश हुई। बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा के सैकड़ों गांवों में बिजली गुल है। अब तक राज्य में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। अजमेर में बारिश का 100 साल का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग ने कोटा, बारां-सवाई माधेपुर में मंगलवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। चक्रवात से अजमेर में बारिश का 105 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। यहां 17 जून 1917 में 119.4 मिमी बरसात एक ही दिन में हुई थी, जो अब तक जून में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड था। यह 19 जून को टूट गया। अजमेर में 18 जून की सुबह 8ः30 से 19 जून 8ः30 तक 24 घंटे के दौरान 131.8 मिमी बरसात दर्ज हुई।

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अजमेर में लगातार बारिश हो रही है। 19 जून की सुबह 8ः30 बजे से लेकर शाम 6 बजे 100 मिमी बरसात दर्ज हुई। इसी तरह, जोधपुर में भी पिछले 12 साल का रिकॉर्ड टूटा है। यहां 17 जून को 91.3 मिमी पानी गिरा, जबकि इससे पहले 28 जून 2016 में करीब 74 मिमी बरसात हुई थी।मानूसन से पहले मानसून का 24ः कोटा पूरा
राज्य में चक्रवात से पिछले 4 दिन (16 से 19 जून) में राज्य में औसतन 100 मिमी बारिश हो गई, जो एक मानसून सीजन में होने वाली औसत बारिश का करीब 24 प्रतिशत के बराबर है। राजस्थान में मानसून सीजन (जून से सितम्बर तक) में औसतन 415 मिमी बारिश होती है। शुरुआती महीने जून में औसतन 50 मिमी बारिश होती है। कई इलाकों में पानी भरा है और टायर की टयूब का इस्तेमाल कर लोग काम चला रहे है।

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