आमतौर पर गर्मियों में बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। जिसको लेकर ट्रांसफार्मर पर लोड पड़ता है और वह फूक जाते हैं, लेकिन विद्युत विभाग की ओर से इस बार गर्मी शुरू होते ही ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए 6 करोड़ 36 लाख रुपए का बजट जारी किया गया है। पिछली बार गर्मियों में आई समस्या को देखते हुए, इस बार बिना किसी रूकावट के आपूर्ति के लिए नए ट्रांसफार्मर लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की डिमांड में बढ़ोतरी हो जाती है फिलहाल 1200 से 1300 मेगावाट बिजली की मांग है।
यह भी पढ़े: Noida News:उर्फ ये बीमारीः इलाज के लिए एक इंजेक्शन 17.5 करोड़ का
मई-जून तक बिजली की मांग 2000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी। ऐसे में ओवरलोडिंग की समस्या के चलते बिजली कटौती बढ़ जाती है। जिससे निजात दिलाने के लिए जिला स्तर से भेजे गए। मांग प्रस्ताव को देखते हुए मेरठ मुख्यालय ने 2 करोड़ 71 लाख की क्षमता वृद्धि पर खर्च करने के निर्देश दिए हैं। वही 3 करोड 65 लाख के नए ट्रांसफार्मर लगाने के लिए दिए हैं। विद्युत निगम के अधिकारी के अनुसार जिले में करीब छोटे-बड़े मिलाकर 50 से अधिक ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता राजीव मोहन ने बताया कि उपभोक्ताओं को बिजली कटौती और ट्रांसफार्मर को पकने से बचाने के लिए 6 करोड़ 36 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए मेरठ मुख्यालय ने स्वीकृति दे दी है। यह खर्च होने के बाद उपभोक्ताओं को बिना किसी रूकावट के बिजली आपूर्ति होती रहेगी।