केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आज सुबह को वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया। बैंक लोन धोखाधड़ी मामले धूत को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले एजेंसी ने शुक्रवार को ICICI बैंक की पूर्व CMD कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने 3 दिन (24 से 26 दिसंबर) की कस्टडी में भेजा।
आरोप है कि जब चंदा कोचर ने देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक कोचर के बाद वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर धूत गिरफ्तार की कमान संभाली तो वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों को नियमों को ताक पर रखकर कुछ बड़े लोन स्वीकृत किए। इनमें 2012 में दिया गया 3250 करोड़ रुपए का एक लोन भी शामिल था।
कम से कम 2 लोन उन कमेटियों ने स्वीकृत किए थे जिनमें चंदा कोचर सदस्य थीं। बाद में इनमें से कुछ लोन छच्। घोषित कर दिए गए जिससे बैंक को काफी घाटा हुआ। हालांकि अभी पूरी तरह से ये साफ नहीं है किICICI बैंक को इससे कितना घाटा हुआ है।
चंदा कोचर के वकील ने शनिवार को कोर्ट में कहा था कि चंदा ऐसी किसी भी कंपनी में डायरेक्टर या स्टेकहोल्डर नहीं थीं, जिसे लोन दिए गए थे। यह बयान ईडी को स्वीकार्य था और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन सीबीआई इस बयान से संतुष्ट नहीं हुई और गिरफ्तारी की गई। वकील ने कहा था कि इन लोन्स के लाभार्थी वीएन धूत है। उन्होंने सवाल किया, ICICI बैंक को लगता है कि फ्रॉड हुआ तो कोचर को ही क्यों गिरफ्तार किया गया लाभार्थी को क्यों नहीं।
इस तरह हुआ पूरा घोटाला
ICICI बैंक की ओर से वीडियोकॉन को दिए गए लोन के जरिए फ्रॉड किया था। ये लोन बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट में बदल गए। इसमें साल 2012 में वीडियोकॉन को दिया 3,250 करोड़ रुपए का लोन शामिल है। आरोपों के अनुसार, वीडियोकॉन ग्रुप के पूर्व चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कोचर की कंपनी नूपवर रिन्यूएबल्स में वीडियोकॉन को लोन का पैसा मिलने के बाद करोड़ों रुपए का निवेश किया था।