VRS: अब आसानी से छोड़ सकेंगे आईएएस नौकरी, शर्तों में ये हुआ बदलाव

 

केंद्र सरकार की अखिल भारतीय सेवा (IAS) के अधिकारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की प्रक्रिया को आसान बना रही है। फिलहाल इसे लेकर समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते रहते हैं। अपने निर्देशों में डीओपीटी ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए संबंधित राज्य सरकार को कम से कम 90 दिन पहले लिखित सूचना देनी होगी। अगर बाकी सभी शर्तें पूरी हैं, तो वह अधिकारी, तीन माह के नोटिस की अंतिम तिथि से रिटायर्ड हो सकता है। इसके लिए संबंधित अफसर का सेवाकाल तीस वर्ष होना चाहिए। दूसरी, पचास वर्ष की आयु पूरी होने के बाद कोई अफसर, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए नोटिस दे सकता है। डीओपीटी ने अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के तहत ये दिशानिर्देश जारी किए हैं।

डीओपीटी के मुताबिक, अखिल भारतीय सेवा का कोई अधिकारी यदि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहता है, तो उस स्थिति में नए नियम लागू होंगे। सेवानिवृत्ति लेने के लिए, इच्छुक अफसर को संबंधित राज्य सरकार के पास कम से कम तीन महीने अपनी अर्जी लगानी होगी। उसकी सेवा, तीस वर्ष होनी चाहिए। पचास वर्ष की आयु या उसके बाद भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का नोटिस दिया जा सकता है। इस दौरान कोई किसी मामले में निलंबित है, तो उसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होगी। संबंधित राज्य सरकार, किसी अधिकारी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के नियमों (नोटिस की अवधि) में छूट दे सकती है। नियम संख्या 16(2ए) में यह प्रावधान है कि कोई सदस्य, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए राज्य सरकार को तीन महीने की पूर्व लिखित सूचना देने के बाद रिटायरमेंट पर जा सकता है।
नियम लागू नहीं होगा

ऐसा कोई अफसर जो सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाले किसी निगम या कंपनी में प्रतिनियुक्ति पर हो। उस कंपनी पर सरकार का नियंत्रण हो या वहां का वित्तपोषण सरकार द्वारा किया जाता हो। ऐसे मामले में कोई अधिकारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहता है, तो उस पर ये नियम लागू नहीं होंगे। यहां पर असम-मेघालय संवर्ग के नियम लागू होंगे। मणिपुर-त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम संवर्ग वाले उस तारीख से रिटायरमेंट ले सकते हैं, जब आवेदनकर्ता ने अपनी 15 साल की सेवा पूरी कर ली हो। डीओपीटी के नियमों में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी, जिनकी आयु 50 वर्ष हो गई है या 30 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं, वे आवेदन कर सकते हैं।
वापस ले सकता है नोटिस
डीओपीटी ने कहा है कि अगर किसी अफसर ने ऐसा नोटिस दे दिया है, वह स्वीकार भी हो गया, लेकिन बाद में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को लेकर संबंधित अधिकारी का मन बदल जाए, तो वह नोटिस वापस ले सकता है। इसके लिए उसे संबंधित सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन हासिल करना होगा। यहां पर यह देखने वाली बात है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति वापस लेने का आवेदन, उसके नोटिस की अवधि की समाप्ति से पहले जमा होना चाहिए।

यहां से शेयर करें