अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले 8 महीनों में कच्चे तेल के दाम करीब 27 परसेंट कम हुए हैं। मार्च में 113 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल के रेट थे लेकिन आज 82 डॉलर प्रति बैरल क्रूड ऑयल हो गया है। अमेरिका से खरीदा जाए तो 74 डालर प्रति बैरल का रेट है खास बात यह है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम घटने के बाद भी नहीं घटा रही है, यदि तेल के दाम बढ़ते हैं तो तुरंत बढ़ा दिए जाते हैं। ऐसे में देखा जाए तो 14 रूपये पेट्रोल और डीजल पर सरकार घटा सकती है। एसएमसी ग्लोबल के मुताबिक क्रूड ऑयल में 1 डालर की गिरावट आने पर देश की तेल कंपनियों को रिफायनिंग पर प्रति लीटर 45 पैसे की बचत होती है। इसी हिसाब से भारत में पेट्रोल डीजल के दाम 14 रूपये प्रति लीटर तक कम होने चाहिए।
क्यों कम हो रहे तेल के दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम कम होने की वैसे कई वजह हैं लेकिन 3 मुख्य वजह है जिसमें चीन में सत्ता विरोधी प्रदर्शन व कोविड-19 प्रोटोकाॅल का बढ़ना, प्रतिबंधित के बाद भी तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूस का आना, ब्याज दरें बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था का सुस्त पढ़ना मुख्य बजाएं हैं जानकार बताते हैं कि क्रूड ऑयल का इंडियन बास्केट में करीब 85 डालर प्रति बैरल होना चाहिए, लेकिन 82 डालर के आस पास आ गया है। इस हिसाब से रिफायनिंग पर करीब 245 रूपये की बचत होगी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल की बिक्री पर मुनाफा होने लगा है लेकिन अभी 4 रूपये प्रति लीटर के घाटे से बिक रहा है तब से अब तक ब्रेंट क्रूड ऑयल करीब 10 प्रतिशत सस्ता हो गया है। ऐसे में कंपनियां डीजल पर मुनाफे में आ गई है।