कांग्रेस के अध्यक्ष पद की दौड राजस्थान संकट के चलते रोचक हो गई है। अशोक गहलोत का सीएम पद का मोह अब उन पर भारी पड़ता दिख रहा और कांग्रेस अध्यक्ष की दौड से उन्हें बाहर कर दिया गया है।
कांग्रेस के अध्यक्ष पद की दौड राजस्थान संकट के चलते रोचक हो गई है। अशोक गहलोत का सीएम पद का मोह अब उन पर भारी पड़ता दिख रहा और कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से उन्हें बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान की इच्छा के विपरीत जाकर अशोक गहलोत का 82 विधायकों के इस्तीफा का दांव चलना गांधी परिवार को अच्छा नहीं लगा है
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राजस्थान में राजनीतिक संकट बढ़ता जा रहा है। सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नॉमिनेशन कर चुके हैं ऐसे में सवाल यह है कि राजस्थान में अगला सीएम कौन होगा। सीएम की कुर्सी के लिए कई दावेदार हैं। सचिन पायलट इन दावेदारों में सबसे अधिक चर्चित चेहरे हैं। सचिन पायलट के सीएम बनने की खबरें आम हो चली है लेकिन अशोक गहलोत खेमे के 102 विधायकों ने इसका पुरजोर विरोध शुरू कर दिया है। गहलोत के 70 विधायकों ने इस्तीफा दिया जबकि 90 विधायकों के इस्तीफे का दावा किया जा रहा है। राजस्थान भेजे गए ऑब्जर्वर अजय माकन और मलिकार्जुन खगडेें ने अलग-अलग विधायकों से मिलने की पेशकश की लेकिन सभी विधायक एक साथ मिलने पर ही अडे रहे । विधायकों का कहना है कि 102 विधायकों में से ही सीएम बनाया जाए। 19 अक्टूबर को तय हो जाएगा कि कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनेगा । इसके बाद ही सीएम का नाम घोषित होना चाहिए। सीएम बनने में एक और शर्त लगाई गई है जो भी सीएम होगा अशोक गहलोत की पसंद का होना चाहिए। कांग्रेस में विधायकों ने अपनी बात रिज्यूलेशन में शामिल कराने की पेशकश की गई है यह पहली बार है जब कांग्रेस में रिज्यूलेशन में ऐसा कुछ शामिल होगा। दूसरी तरफ दिल्ली में हाईकमान की ओर से कमलनाथ को अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह कराने के लिए बुलाया गया है। कमलनाथ दोनों ही नेताओं से बातचीत कर के समाधान की और बढने का रास्ता निकालेंगे । इस बार राजस्थान में चार ऐसे बिंदु हैं जिन पर चर्चाएं हो रही हैं पहला गहलोत का नॉमिनेशन दूसरा नए सीएम का चयन तीसरा बसपा से आने वाले विधायकों को तवज्जो चैथा गहलोत पायलट समर्थकों का आमने सामने आना आना।